सीट शेयरिंग से पहले RJD के टिकट बांटने से कांग्रेस-वामदल की बेचैनी बढ़ी, अखिलेश सिंह के बाद अब लालू से मिलने पहुंचे डी. राजा

सीट शेयरिंग से पहले RJD के टिकट बांटने से कांग्रेस-वामदल की बेचैनी बढ़ी, अखिलेश सिंह के बाद अब लालू से मिलने पहुंचे डी. राजा

PATNA: महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले आरजेडी अपने उम्मीदवारों को टिकट बांट रही है। पहले चरण के लोकसभा चुनाव में बिहार की चार सीटों पर वोटिंग होनी है। लोकसभा की इस चारों ही सीटों के लिए आरजेडी ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। तीन उम्मीदवारों को लालू खुद अपने हाथों से पार्टी का सिंबल सौंप चुके हैं। इसको लेकर सहायोगी दल कांग्रेस और वामदल की बेचैनी बढ़ गई है।


दरअसल, महागठबंधन में सी सीट शेयरिंग से पहले ही लालू ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं और उनको पार्टी का सिंबल सौंप रहे हैं। कांग्रेस और वामदल सीटों का फॉर्मूला तय होने का इंतजार ही कर रहे थे कि लालू प्रसाद ने गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई सीट पर अपने उम्मीदवार उतार दिए और उनको पार्टी का सिंबल भी सौंप दिया। आरजेडी ने गया से पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत, नवादा से श्रवण कुशवाहा, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और जमुई सीट से अर्चना रविदास को अपना उम्मीदवार बनाया है।


इस बात की जानकारी मिलते ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह दिल्ली से आनन-फानन में पटना पहुंचे और राबड़ी आवास जाकर लालू प्रसाद से मुलाकात की। लालू से मुलाकात के बाद अखिलेश सिंह मायूस होकर राबड़ी आवास से बाहर निकल गए। अखिलेश सिंह के जाने बाद अब सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा राबड़ी आवास पहुंचे हैं। कहा जा रहा है कि सीट बंटवारे को लेकर डी.राजा लालू से मिलने के लिए पहुंचे हैं और लालू-तेजस्वी से मुलाकात की है।


19 अप्रैल को पहले चरण में बिहार की जिन चार लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है उन चारों ही सीटों पर आरजेडी ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं और सभी को पार्टी का सिंबल भी दे दिया है। इसके बावजूद आरजेडी की तरफ से आधिकारिक तौर पर किसी भी उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया गया है लेकिन उम्मीदवार बारी-बारी से राबड़ी आवास पहुंच रहे हैं और चुनाव ल़ने के लिए पार्टी का सिंबल लेकर लौट रहे हैं। इधर, कांग्रेस और वामदल लालू-तेजस्वी का मुंह ताक रहे हैं और चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद दोनों को जितनी सीटें देंगे उतनी सीटों पर ही उन्हें संतोष करना होगा।