‘लालू का मतलब.. भ्रष्टाचार और लूट का नेता’ : मोदी की गारंटी पर सवाल उठाने पर भड़की बीजेपी ; कहा- ऐसे लोग बिहार के लिए अभिशाप

‘लालू का मतलब.. भ्रष्टाचार और लूट का नेता’ : मोदी की गारंटी पर सवाल उठाने पर भड़की बीजेपी ; कहा- ऐसे लोग बिहार के लिए अभिशाप

PATNA : लोकसभा चुनाव को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं और हर दिन पीएम मोदी को निशाने पर लेकर हमले पर हमला बोल रहे हैं। लालू प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आरजेडी के परिवर्तन पत्र की तुलना बीजेपी के घोषणा पत्र से करते हुए मोदी की गारंटी पर सवाल उठाये हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा मोदी की गारंटी पर सवाल उठाने पर अब बीजेपी ने भी लालू पर पलटवार शुरू कर दिया है। 


दरअसल, लालू प्रसाद ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि ‘अब मोदी की बातों का कोई मतलब नहीं है, मोदी की गारंटी मंच पर रखे उस माइक पर शुरू होती है और माइक से हटते ही खत्म हो जाती है। मोदी के भाषण की तरह उतनी ही अवधि मोदी की गारंटी की भी है। देश की 140 करोड़ जनता गवाह है, इस सरकार ने पिछले 10 साल में देश को 10 करोड़ झूठ, जुमलों, छल, फ़रेब, धोखा, प्रपंच, नाटक और ड्रामा परोसा है’।


लालू ने बीजेपी के घोषणा पत्र को जुमला पत्र बताते हुए इसकी तुलना आरजेडी के परिवर्तन पत्र से की और बीजेपी को सभी मोर्चों पर विफल करार दिया है। लालू द्वारा मोदी की गारंटी को जुमला पत्र बताने पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव और परिवर्तन, ऊ क्या होता है? लालू प्रसाद का मतलब ही है भ्रष्टाचार और लूट के नेता। बिहार के लोग लालू प्रसाद से भ्रष्टाचार का ज्ञान ले सकते हैं। लालू प्रसाद कभी अच्छी बात नहीं बोल सकते हैं।


वहीं आरजेडी के परिवर्तन पत्र की बीजेपी के घोषणा पत्र की तुलना किए जाने के सवाल पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने लालू पर पलटवार करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव राजनीति के मसखरे हैं। इनके फूहड़पन के कारण बिहार मजाक बनकर रह गया। लालू प्रसाद ने बिहार और बिहारियों का मजाक उड़ाने का काम किया। लेकिन पीएम मोदी के एक-एक शब्द को न सिर्फ देश बल्कि पूरा विश्व गंभीरता से लेता है।


उन्होंने कहा कि आजादी के वक्त जो बिहार पूरे देश में नंबर वन था, उसे लालू ने सबसे अंतिम पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया। लालू प्रसाद की नाकामी के कारण बिहार के युवाओं को मजदूरी के लिए बिहार के बाहर पलायन करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। लालू प्रसाद जैसे लोग बिहार के लिए अभिशाप हैं और ऐसे लोगों के कारण हर बिहारी कहीं न कहीं शर्मसार होता है। लालू यादव के परिवारवाद की जमीनदारी इस चुनाव में खत्म हो जाएगी।