PATNA : कोरोना संकट की महामारी के बीच इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां लालू यादव की रिहाई के लिए उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने फूट-फूटकर रोया है. रांची के रिम्स में इलाजरत लालू की रिहाई के लिए कल झारखंड सर्कार की कैबिनेट मीटिंग में कोई भी फैसला नहीं आने के बाद राजद सुप्रीमो के बाहर आने पर सस्पेंस बरक़रार है. ऐसे में आज पहली बार उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव सोशल मीडिया पर रट हुए अपने पिता की रिहाई की अपील कर रहे हैं.
तेजप्रताप ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को याद करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि "पापा हमें आपकी जरूरत है और पूरे बिहार को भी है..Miss u Papa" इसके साथ ही उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में बोला कि सभी नेताओं को कोरोना के कारण जेल से रिहा किया जा रहा है. मेरे पिता को भी पैरोल पर बाहर आने की इजाजत देनी चाहिए. हालांकि यह फैसला झारखंड सरकार के हाथ में है.
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर रिहा किए जाने पर हेमंत सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. रांची में हुई हेमंत कैबिनेट की बैठक में लालू के पैरोल पर कोई भी सीधा फैसला नहीं लिया गया. लालू यादव के परिवार और उनकी पार्टी से जुड़े नेता लगातार हेमंत कैबिनेट की बैठक में लिए जाने पर वाले फैसले का इंतजार कर रहे थे, लेकिन इस संबंध में कैबिनेट में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
लालू यादव को पैरोल पर रिहा किया जाएगा या नहीं इसे लेकर अब झारखंड सरकार की तरफ से बनाए गए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के पाले में गेंद चली गई है. कैबिनेट की बैठक में आज लॉक डाउन को लेकर सरकार की तरफ से लिए जाने वाले फैसलों के लिए एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया गया है.
कैबिनेट की बैठक के बाद ऑफिशियल ब्रीफिंग के दौरान जब लालू के पैरोल पर सवाल किया गया तो सरकार की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया कि कैबिनेट के एजेंडे में ऐसा कोई प्रस्ताव शामिल नहीं था, हालांकि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर लॉक डाउन की परिस्थितियों के बीच हर तरह का फैसला लेने के लिए अधिकृत रहेगा. माना जा रहा है कि अब यही ग्रुप ऑफ मिनिस्टर इस बात की अनुशंसा करेगी कि लालू यादव सहित 70 साल से ज्यादा उम्र के अन्य बंदियों को पैरोल पर रिहा किया जाए या नहीं दिया जाये.
क्या नियमों को नकार कर हेमंत सोरेन करेंगे फैसला
झारखंड के जेल आईजी पहले ही पेरोल के नियमों को बता चुके हैं. वे कह चुके हैं कि पेरोल आर्थिक अपराध में सजायाफ्ता व्यक्ति को नहीं दिया जाता. उधर लालू यादव को 7-7 साल की दो सजा मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 साल से कम सजा वालों को पेरोल पर छोड़ने को कहा है. उधर लालू प्रसाद यादव जेल में नहीं हैं. वे तबीयत खराब होने के कारण काफी दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जेल में भीड़ कम करने के लिए कैदियों को पेरोल पर छोड़ने को कहा है. लेकिन लालू जेल में नहीं हैं. लिहाजा देखने की बात होगी कि क्या हेमंत सोरेन नियम-कायदों को नकार कर लालू यादव के लिए पेरोल की मंजूरी देंगे.
रिम्स में भर्ती लालू बेचैन हैं
FIRST BIHAR आपको पहले ही खबर दे चुका है कि रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव बेचैन हैं. वे अपने कमरे से बाहर नहीं निकल नहीं रहे हैं. दिन भर मुंह पर मास्क लगाने के साथ साथ रात के सोते वक्त भी चेहरे को कपड़े से ढ़क कर सो रहे हैं. हालांकि डॉक्टर उनका लगातार चेकअप कर रहे हैं. चेकअप में उनका तबीयत पहले की तरह का ही है. सिर्फ सुगर लेवल बढ़ा है जिसके कारण इंसुलिन की मात्रा बढ़ा दी गयी है.