केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिला पेश करेंगे। इस विधेयक का नाम 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023' तय किया गया है। यह विधेयक मुख्य रूप से दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित है। इससे पहले गुरुवार को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच यह बिल लोकसभा में ध्वनि मत से पारित हो चुका है। इसके अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। जहां सबकी नजरें इस बात पर टिकी हुई है कि- क्या यह बिल राज्यसभा में आसानी से पास हो जाएगा ?
दरअसल, वर्तमान में राज्यसभा के अंदर 238 सांसद हैं। इस विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार को 119 सांसदों की जरूरत है। जिसमें भाजपा के पास वर्तमान में 92 सांसद हैं। हालांकि, सहयोगी दलों को मिलकर यह संख्या 103 हो जा रही हैं। इसके साथ ही पांच मनोनीत सांसद भी शामिल हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 9 और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के 9 सांसद हैं। इन दोनों ही पार्टियों ने भी केंद्र सरकार को समर्थन देने की बात कही है।
वहीं, इसके अलावा दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन भी मोदी सरकार को मिलता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के एक सांसद उच्च सदन में हैं और टीडीपी ने मोदी सरकार को समर्थन देने की बात कही है। इस लिहाज से उच्च सदन में विधेयक पारित कराने के लिए जरूरी बहुमत का आंकड़ा केंद्र सरकार जुटाती दिख रही है।
इधर, बात करें राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन INDIA के मिलाकर महज कुल 109 सांसद ही हैं, ऐसे में उनके लिए इस बिल को पास नहीं होने देने को लेकर काफी मश्कत करनी पड़ सकती है और वर्तमान में जो राजनीतिक हालात है उसके हिसाब से विपक्ष इस बिल पर कहीं से भी रोक लगावाने में सफल होती हुई नहीं नजर आ रही है।