PATNA : राजस्थान के कोटा में पढ़ने गये बिहार के सारे छात्र-छात्रा अपने घऱ वापस आ गये हैं. बिहार सरकार ने ये दावा किया है. कोटा से बच्चों को लेकर चली आखिरी ट्रेन भी बिहार पहुंच गयी हैं. नीतीश सरकार ने दावा किया है कि अब कोटा में बिहार का कोई छात्र-छात्रा फंसे नहीं हैं.
11 ट्रेनों से आये साढ़े 13 हजार बच्चे
बिहार के परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने दावा किया कि कोटा से बिहार के सारे बच्चे वापस आ गये हैं. परिवन सचिव के मुताबिक कोटा से बिहार के लिए चली आखिरी ट्रेन भी शुक्रवार को ही पहुंच गयी. राजस्थान के इस शहर से कुल 11 ट्रेन बिहार के दस स्टेशनों पर पहुंची. इन ट्रेनों में सवार होकर कुल 13 हजार 473 छात्र-छात्रायें अपने घर वापस लौट गये.
बच्चों को नहीं देना पड़ा ट्रेन किराया
बिहार के परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने दावा किया कि कोटा से बिहार आने वाले बच्चों को ट्रेन का किराया नहीं देना पडा. उनकी घर वापसी के लिए बिहार सरकार ने रेलवे को सभी ट्रेनों का किराया एडवांस में ही चुका दिया था. इन 11 ट्रेनों के परिचालन के लिए बिहार सरकार ने रेलवे को 78.43 लाख का एडवांस भुगतान कर दिया था. बिहार सरकार के मुताबिक कोटा से लौटे बच्चों को क्वारंटीन सेंटर पर नहीं रखा गया है. सभी अभिभावकों से ये लिखित तौर पर लिया गया है कि वे बच्चों को 21 दिनों तक होम क्वारंटीन में रखेंगे.
बिहार के परिवहन सचिव ने दावा किया कि राज्य सरकार ने न सिर्फ बच्चों की वापसी सुनिश्चित की है बल्कि उनके लिए दूसरे व्यवस्था भी किये. सारे बच्चों के पास बड़े बड़े बैग थे जिनमें किताबें भरी थीं. उन बैग को उठाने के लिए सरकार ने कुली की भी व्यवस्था की. बिहार के जिन जिलों में कोटा से ट्रेन पहुंची वहां के डीएम और एसपी पूरी रात कैंप कर बच्चों को सकुशल घर पहुंचाने की व्यवस्था में लगे रहे.
80 हजार से ज्यादा बिहारियों की हुई घऱ वापसी
बिहार सरकार ने दावा किया है कि अब तक अलग अगल राज्यों से 70 ट्रेनें बिहार पहुंच चुकी है, जिनसे 82 हजार 554 लोग वापस आ गये हैं. इनमें से तकरीबन 45 हजार लोग सरकार की ओर से बनाये गये क्वारंटीन सेंटर में रह रहे हैं. शनिवार को भी 15 ट्रेन बिहार पहुंच रही है. इन ट्रेनों में सवार होकर 18 हजार 115 लोग वापस लौटेंगे.