सीएम नीतीश ने कहा- कोटा से स्टूडेंट को नहीं लाएंगे, सोशल डिस्टेंसिंग ही हमलोगों को बचा सकता है

सीएम नीतीश ने कहा- कोटा से स्टूडेंट को नहीं लाएंगे, सोशल डिस्टेंसिंग ही हमलोगों को बचा सकता है

PATNA : कोरोना संकट की महामारी में सीएम नीतीश ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन को सख्ती से लागू करे के लिए विशेष तौर पर चर्चा हुई. इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा से छात्रों को वापस लाने की मांग पर कहा कि ऐसे तो लॉक डाउन का मजाक उड़ जायेगा.


सीएम नीतीश ने साफ़ तौर पर इस बैठक में कहा कि कोटा मामले में कुछ लोग नहीं माने और अपने कोटा से आ गए. उन्हें बॉर्डर पर रखा गया. वहां उनका टेस्ट करा कर उनको घर भेजने की व्यवस्था की गई. अब कोई कहे कि कोटा में जो लोग फंसे हैं. उनको फिर से बुलवा लिया जाये. इसके साथ ही देश के कोने-कोने में भी जो फंसे हुए हैं, उनकी मांग अगर सभी राज्य मानने लगे तो लॉक डाउन का मजाक उड़ जायेगा. हमलोगों का कमिटमेंट तो पूरे तौर पर है.


सीएम ने इस बैठक में कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग ही हमें बचा सकता है. सबको लॉक डाउन का पालन सुनिश्चित कराना है. इसका पालन लोग नहींकरेंगे तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और फेक न्यूज़ के माध्यम से जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं, उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाये. इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाये. जिले में एक पदाधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन के नियमों का पालन कराने के अभियान चलकर लोगों को प्रेरित करें. 


पटना एम्स प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पटना की रहने वाली 32 साल की एक महिला कोरोना पॉजिटिव पायी गई है. इसके साथ ही बिहार में आंकड़ा बढ़कर 86 हो गया है. अस्पताल की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक महिला को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत है. इसके साथ ही यह पॉजिटिव महिला कई बिमारियों से ग्रसित है. महिला को 17 अप्रैल को भर्ती कराया गया है. फिलहाल इस महिला की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं बताई जा रही है. 


पटना से यह नया मामला सामने आने के बाद लोगों में टेंशन बढ़ गया है. इससे पहले भी पटना सिटी के सुल्तानगंज इलाके से एक मरीज सामने आ चुका है. पटना सिटी के मेवासाव लेन से 60 साल का एक मरीज सामने आ चुका है. जो नालंदा वाले मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुआ है. एक नया मामला सामने आते ही पटना प्रशासन के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. 


कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को बिहार में मरीज मात दे रहे हैं. सूबे में लगभग 50 प्रतिशत लोगों ने कोरोना को हराकर एक नई जिंदगी हासिल की है. बिहार स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक सूबे में 5 और मरीज ठीक हो गए हैं. जिससे स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 42 पहुंच गई है.


बिहार में अब तक कुल 85 मरीज सामने आये हैं. जिसमें 2 लोगों की मौत भी हुई है. मुंगेर और वैशाली जिले के रहने वाले दो मरीजों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने एक बड़ी जानकारी साझा करते हुए यह बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 6240 कोरोना जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट भेजे गए हैं.