Train Accident At Kiul Junction: टला बड़ा रेल हादसा, तीन डब्बे ट्रैक से उतरे; लखीसराय-किऊल रेलखंड पर आवागमन प्रभावित CM Fellowship Scheme Bihar : मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को मिली मंजूरी, IIM बोधगया में होगी ट्रेनिंग बिहार का वर्ल्ड क्लास हेल्थ सिस्टम देखिए: मेडिकल कॉलेज में परिजन ने हाथ से पकड़ी स्लाइन की बोतल, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल बिहार का वर्ल्ड क्लास हेल्थ सिस्टम देखिए: मेडिकल कॉलेज में परिजन ने हाथ से पकड़ी स्लाइन की बोतल, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल Bihar News: एक बार फिर बिहार आ रहे हैं धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, 6 दिनों तक यहां करेंगे प्रवास SSC की सख्ती: सोशल मीडिया पर पेपर डिस्कशन पर रोक, उल्लंघन किया तो होगी जेल और देना होगा 1 करोड़ का जुर्माना SSC की सख्ती: सोशल मीडिया पर पेपर डिस्कशन पर रोक, उल्लंघन किया तो होगी जेल और देना होगा 1 करोड़ का जुर्माना Jitiya Vrat 2025: किस दिन मनाया जाएगा जितिया व्रत, जानिए... तिथि और नियम Bihar Politics: जहानाबाद में सुदय यादव के खिलाफ अल्पसंख्यक समाज में खोला मोर्चा , नए उम्मीदवार की मांग हुई तेज Bihar Politics: जहानाबाद में सुदय यादव के खिलाफ अल्पसंख्यक समाज में खोला मोर्चा , नए उम्मीदवार की मांग हुई तेज
1st Bihar Published by: Updated Tue, 28 Apr 2020 12:12:26 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : कोरोना संकट की महामारी के बीच इस वक्त एक बड़ी खबर राजस्थान से निकल कर सामने आ रही है. जहां कोटा में फंसे बिहारी छात्रों के ऊपर स्थानीय पुलिस की टीम ने केस दर्ज किया है. घर वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठे बिहारी छात्रों के खिलाफ पुलिस ने थाने में प्राथमिकी दर्ज की है. छात्रों को अब दुहरी मार झेलनी पड़ रही है.
लॉकडाउन तोड़ने की प्राथमिकी
कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने को लेकर नीतीश सरकार की काफी फजीहत हो रही है. सीएम नीतीश को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, कोटा में फंसे स्टूडेंट के अविभावकों ने न्यायालय का दरवाजा तक खटखटाया है. जिसपर सुनवाई चल रही है. बता दें कि एक तरफ जहां दूसरे राज्यों के बच्चे अपने घर वापस लौट चुके हैं वहीं बिहारी छात्रों की घर वापसी का रास्ता अब तक तय नहीं हो पाया है. कोटा शहर के सब इंस्पेक्टर मोहन लाला ने बताया कि बच्चों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की गई है. विरोध प्रदर्शन कर लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने को लेकर इन छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
बच्चों ने प्रदर्शन में रखा ख़ास ख्याल
जब बिहार सरकार ने कोटा में फंसे अपने ही राज्य के बच्चों को वापस लाने से मना कर दिया, जिसके बाद बीती रात कोटा की सड़कों पर बिहार के बच्चे रात भर बैठ नजर आये थे. देर शाम से ही कोटा के कई इलाकों में बिहार के बच्चे सड़कों पर बैठ गए थे. उन्होंने सड़क पर बैठकर अपने दर्द का इजहार किया था. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया और लगातार यह मांग करते रहे कि बिहार सरकार उन्हें घर वापस बुलाने का फैसला करे.
सरकार खेल रही चूहे-बिल्ली का खेल
कोटा में फंसे बिहारी बच्चों का कहना है कि अगर दूसरे राज्यों की तरह बिहार सरकार उनकी सुध नहीं लेती है तो अब उनके पास आखिरी विकल्प अपना जीवन छोड़ने का होगा. कोटा में फंसे बिहारी बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. आपको बता दें कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी उस दौरान भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे बच्चों को लेकर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी थी. बिहार सरकार कई बार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह लोग डाउन पीरियड में बाहर से लोगों को राज्य में नहीं आने देना चाहती है.