Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Apr 2024 06:53:50 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री तक को हैसियत दिखा चुके केके पाठक ने अब राज्यपाल को औकात बतायी है. केके पाठक ने चिट्ठी लिखी है-राज्यपाल को शिक्षा विभाग से बात करने का अधिकार नहीं है. राज्य के विश्वविद्यालयों के चांसलर एक सामान्य अधिकारी हैं, ठीक वैसे ही जैसे कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन, प्रॉक्टर जैसे अधिकारी होते हैं. राज्यपाल यानि चांसलर शिक्षा विभाग को कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता है. केके पाठक ने कहा है कि राज्यपाल यूनिवर्सिटी में अराजकता फैला रहे हैं.
बता दें कि राज्यपाल किसी राज्य के संवैधानिक प्रमुख होते हैं. बिहार में ऐसा पहला मौका होगा जब राज्यपाल को किसी अधिकारी ने हैसियत बतायी हो. केके पाठक ने सीधे राज्यपाल को ही औकात बता दी है. दरअसल, केके पाठक बार-बार बिहार के यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की बैठक बुला रहे हैं लेकिन राज्यपाल ही बिहार के यूनिवर्सिटी के प्रमुख होते हैं. राज्यपाल ने कुलपतियों को केके पाठक की बैठक में जाने से रोक दिया था. इसके बाद केके पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर सीधे महामहिम राज्यपाल पर ही हमला बोला है.
केके पाठक की चिट्ठी
दरअसल, बिहार के यूनिवर्सिटी के कामकाज में शिक्षा विभाग के बार-बार के हस्तक्षेप पर राज्यपाल के प्रधान सचिव ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था. केके पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को जवाब भेजकर सीधे राज्यपाल को ही हैसियत बता दिया है. पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि वे यह स्पष्ट करें कि राज्यपाल के प्रधान सचिव के रूप में वे राज्यपाल या कुलाधिपति के निर्देशों से अवगत करा रहे हैं. पाठक ने कहा है कि यदि निर्देश राज्यपाल की ओर से हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री या शिक्षा विभाग के मंत्री से बात करना चाहिये. राज्यपाल को राज्य सरकार के अधिकारियों से सीधे संवाद नहीं करना चाहिये.
चांसलर एक सामान्य अधिकारी है
बता दें कि राज्यपाल बिहार के सारे यूनिवर्सिटी के चांसलर यानि कुलाधिपति होते हैं. केके पाठक ने चांसलर की औकात बतायी है. पाठक ने अपने पत्र में कहा है यदि प्रधान सचिव कुलाधिपति के निर्देशों से अवगत करा रहे हैं, तो इस विभाग को शिक्षा विभाग के मामलों में कुलाधिपति के हस्तक्षेप पर बहुत गंभीर आपत्ति है.
केके पाठक ने कहा कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत चांसलर यानि कुलाधिपति को कोई खास अधिकार नहीं है. वह कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन, प्रॉक्टर आदि जैसे अन्य अधिकारियों के जैसा ही एक "विश्वविद्यालय का अधिकारी" है और इसलिए वह शिक्षा विभाग को कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता है.
केके पाठक ने कहा है कि कुलाधिपति को शिक्षा विभाग के निर्देशों के खिलाफ विश्वविद्यालय के किसी अधिकारी को कोई निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. केके पाठक ने कहा है कि कुलाधिपति ने कुलपतियों को शिक्षा विभाग द्वारा आहूत बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं दी. राज्यपाल के प्रधान सचिव ये स्पष्ट करें कि किस नियम के तहत कुलपति को किसी भी बैठक में भाग लेने के लिए कुलाधिपति की अनुमति लेनी होती है. इसके अलावा किस नियम के तहत कुलाधिपति ने ऐसी अनुमति देने से इनकार कर दिया.
राज्यपाल ने हस्तक्षेप कैसे किया
केके पाठक ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राज्यपाल के प्रधान सचिव ने 21/12/2023 को पत्र लिखकर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की है. इसलिए राज्यपाल के प्रधान सचिव ये बतायें कि कानून के किन प्रावधानों के तहत कुलाधिपति कार्यालय प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामलों से निपटने का हकदार है.
अराजकता फैला रहे हैं राज्यपाल
केके पाठक ने अपने पत्र में लिखा है कि कोई भी कानून चांसलर को विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बीच विद्रोही व्यवहार को भड़काने और पूर्ण अराजकता पैदा करने की अनुमति नहीं देता है. कुलाधिपति विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को विभाग की अवहेलना करने के लिए नहीं कह सकते. ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप शिक्षा विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करने से बचें.