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केके पाठक ने फिर दिखायी नीतीश को हैसियत : ईद-रामनवमी की छुट्टी पर भारी तमाशा, सीएम के आर्डर को ही शिक्षा विभाग ने बता दिया फर्जी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 09 Apr 2024 06:30:16 PM IST

केके पाठक ने फिर दिखायी नीतीश को हैसियत : ईद-रामनवमी की छुट्टी पर भारी तमाशा, सीएम के आर्डर को ही शिक्षा विभाग ने बता दिया फर्जी

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PATNA : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में फिर एक बड़ा तमाशा हो शुरू गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश को ही फर्जी करार दिया है। मामला ईद और रामनवमी पर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टी का है। इज्जत बचाने के लिए सरकार के शिक्षा विभाग के अधीन आने वाली संस्था एससीईआरटी यानी राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान से छुट्टी का आदेश जारी कराना पड़ा है। मुख्यमंत्री के आदेश का शिक्षा विभाग ने कोई नोटिस तक नहीं लिया है। 


क्या है मामला?

मामला बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के प्रशिक्षण का है। शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बारी-बारी से प्रशिक्षण दिलवा रहा है। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के केंद्रों में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया था कि ईद और रामनवमी के दिन भी ट्रेनिंग जारी रहेगी। जिन शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है, उन्हें अपने सेंटर पर मौजूद रहना होगा। अन्यक्षा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


मुख्यमंत्री के आदेश को शिक्षा विभाग ने फर्जी करार दिया

ईद पर शिक्षकों की ट्रेनिंग के शिक्षा विभाग के फैसले के खिलाफ मुस्लिम संगठनों और शिक्षक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जतायी थी। मुस्लिमों के धार्मिक संगठन इमारत-ए-सरिया की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर ईद पर छुट्टी देने की मांग की गयी थी। इसके बाद 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी। इस विज्ञप्ति में कहा गया कि ट्रेनिंग ले रहे शिक्षकों को ईद और रामनवमी के मौके पर असहजता महसूस हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है। ईद के मौके पर 10 और 11 अप्रैल को और रामनवमी के मौके पर 17 अप्रैल को ट्रेनिंग नहीं होगी और छुट्टी रहेगी। 


8 अप्रैल यानी विगत सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह पत्र जारी किया गया है। आज मंगलवार को केके पाठक ने अपना रुतबा दिखाया। केके पाठक के शिक्षा विभाग ने मगंलवार को मुख्यमंत्री के आदेश को ही फर्जी करार दे दिया। शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ईद और रामनवमी के मौके पर भी शिक्षकों की ट्रेनिंग की काम चलता रहेगा। 


सरकार की भारी फजीहत

केके पाठक ने जब मुख्यमंत्री के आदेश को ही फर्जी करार दिया तो सरकार सकते में पड़ गयी. सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग के मंत्री या किसी दूसरे आलाधिकारी की हिम्मत नहीं हुई कि वे केके पाठक से बात करें. लिहाजा, लाज बचाने का दूसरा रास्ता तलाशे जाने लगा. आखिरकार शिक्षकों को ट्रेनिंग दे रही सरकारी संस्था एससीईआरटी यानि राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान का सहारा लिया गया.


एससीईआरटी की ओर से निकला आदेश

सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग ने जब सीएम के आदेश को ही फर्जी करार दिया तो शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को ट्रेनिंग दे रही संस्था एससीईआरटी को निर्देश जारी किया. इसके बाद एससीईआरटी यानि राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से मंगलवार को पत्र जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि ईद के मौके पर 11 अप्रैल और रामनवमी के मौके पर 17 अप्रैल को शिक्षकों की ट्रेनिंग नहीं होगी. उस दिन छुट्टी रहेगी. 


बार-बार सीएम की हैसियत बता रहे पाठक

बता दें कि ये पहली दफे नहीं है जब बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां उड़ा कर उन्हें औकात बता रहे हैं. इससे पहले नीतीश कुमार ने विधानसभा में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की टाइमिंग बदलने का एलान किया था. लेकिन लगभग दो महीने होने को हैं और केके पाठक ने मुख्यमंत्री के आदेश को नहीं माना. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद एक पत्र जारी हुआ था जिसमें सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की टाइमिंग बदलने की जानकारी दी गयी थी. लेकिन बाद में शिक्षा विभाग ने उस पत्र को फर्जी करार दिया और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के स्कूल आने-जाने की टाइमिंग नहीं बदली. 


पिछले महीने केके पाठक ने होली के दिन भी शिक्षकों को स्कूल जाने और ट्रेनिंग में शामिल होने का आदेश जारी किया था. शिक्षक संगठनों से लेकर सारे पार्टियों के नेता मुख्यमंत्री से गुहार लगाते रह गये लेकिन केके पाठक पर कोई असर नहीं पड़ा. शिक्षकों को होली में ट्रेनिंग में भाग लेना ही पड़ा. अब ईद-रामनवमी पर भी संशय बना हुआ है. एससीईआरटी यानि राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान ने छुट्टी का आदेश तो निकाला है लेकिन ये सरकारी संस्था शिक्षा विभाग के अधीन ही आती है. ऐसे में आशंका ये है कि केके पाठक छुट्टी के आदेश को फिर से रद्द कर सकते हैं.