DESK : डेढ़ माह से भी लंबी चली सरकारी शिक्षकों की हड़ताल अब अहम मोड पर पहुंच गई है. कोरोना के चलते शिक्षक अपने दायित्वों के निर्वहन को लेकर काम पर लौट सकते हैं. इसे लेकर शिक्षक संगठनों में मंथन शुरू हो गया है और उन्होंने सकारात्मक रुख दिखाया है.
वहीं शिक्षा विभाग भी इस निर्णय को लेकर स्वागत को तैयार है. हड़ताल टूटने पर शिक्षकों पर हुई कार्रवाई वापस लेने के भी संकेत शिक्षा विभाग की तरफ से दिए गए हैं. हड़काल को लेकर दोनों के बीच संवाद शुरू हो गया है. शिक्षकों के दो प्रमुख नेतृत्वकर्ता संगठनों ने वार्ता के लिए शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा है. बता दें कि साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षक समान वेतन सहित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर वेतन विसंगति दूर करने के लिए नियोजित शिक्षकों के समर्थन में करीब 40 हजार माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से हड़ताल पर हैं.
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे दो संगठनों ने सरकार को वार्ता की पेशकश की है. बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ब्रजनंदन शर्मा और बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुध्न प्रसाद सिंह ने वार्ता के लिए समय निर्धारित करने को शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है.