Dularchand Yadav murder Case: रिमांड पर जाएंगे अनंत सिंह? पुलिस जांच में कई सवाल है अनसुलझे, घटना में प्रयुक्त हथियार नहीं हुआ बरामद Bihar Election 2025: योगी आदित्यनाथ मुजफ्फरपुर में करेंगे जनसभा, पवन सिंह और शाहनवाज हुसैन का रोड शो भी आज Dularchand Yadav murder Case: दुलारचंद यादव को कुचलने वाली कार की तलाश जारी, अब अनंत सिंह से होगी पुछताछ; CID करेगी जांच बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 19 Feb 2023 11:52:31 AM IST
- फ़ोटो
GOPALGANJ: बिहार की जेलों में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना कोई बड़ी बात नहीं है। जेलों में तैनात पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से कैदियों तक मोबाइल फोन पहुंचा दिए जाते हैं। जिसके जरिय कैदी अपने परिजनों से बात तो करते ही हैं जेल में बैठकर बड़े वारदातों को अंजाम देने की प्लानिंग भी करते हैं हालांकि समय समय पर इसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा जेलों में छापेमारी भी की जाती है। इस दौरान पुलिस से बचने के लिए कैदी मोबाइल फोन और अन्य सामानों को छिपाने के लिए नए नए तरीके अपनाते हैं। गोपालगंज मंडलकारा में बंद एक कैदी ने तो पुलिस से बचने के लिए मोबाइल ही निगल लिया। तबीयत बिगड़ने के बाद जब उसे अस्पताल में भर्ती किया गया तो पेट में मोबाइल फोन देखकर सभी दंग रह गए।
दरअसल, नगर थाना क्षेत्र के इंदरवा गांव निवासी बाबू जान मियां के बेटे कौसर अली को पुलिस ने नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कौसर अली साल 2020 से जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि कैदी कौसर अली को दो दिन पहले जेल में फेंका हुआ एक छोटा सा मोबाइल मिला था। कैसर के पास पहले से एक सीम कार्ड मौजूद था। उसने सीम कार्ड को मोबाइल में डाला और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। कैसर जब मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था तभी कुछ पुलिस कर्मी वहां पहुंच गए।
पुलिस से बचने के लिए कैसने ने मोबाइल को अपने मुंह में रख लिया और बाद में उसे निगल गया। दो दिन बाद उसके पेट में दर्द शुरू हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद आनन-फानन में कैसर को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब डॉक्टरों ने कैसर का एक्स-रे किया तो उसके पेट में मोबाइल फोन देखकर सभी हैरान रह गए। डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल कैसर की हालत स्थिर है। कैदी कैसर अली को जांच के लिए हायर सेंटर भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कैदी के ऑपरेशन के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।