‘झूठा है तेजस्वी.. एक-एक काम हम करवाए हैं’ नौकरी का क्रेडिट लेने पर भड़के सीएम नीतीश, रोहिणी के चुनाव लड़ने पर भी बोले

‘झूठा है तेजस्वी.. एक-एक काम हम करवाए हैं’ नौकरी का क्रेडिट लेने पर भड़के सीएम नीतीश, रोहिणी के चुनाव लड़ने पर भी बोले

PATNA: सत्ता से बेदखल होने के बाद तेजस्वी यादव और आरजेडी बिहार में बड़े पैमाने पर हुई शिक्षकों की बहाली का क्रेडिट खुद लेने में लगे  हैं। तेजस्वी यादव घूम-घूमकर कह रहे हैं कि उनकी सरकार में बिहार में लाखों लोगों को नौकरी दी गई है। तेजस्वी के इन दावों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोरदार हमला बोला है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि तेजस्वी झूठमूठ का बोल रहे हैं कि सारा काम हम किए हैं।


तेजस्वी यादव लगातार नौकरी देने का श्रेय ले रहे हैं, इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा"आप लोग नहीं जानते हैं कि यहां पर कौन सब कुछ किया है। जो काम किए कुछ दिन के लिए उनको लाए लेकिन ये सब काम मेरा पहले से ही तय था। एक-एक काम हम करवाए हैं..।  झूठमूठ का बोलते रहता है। उ सब क्या क्या है.. जरा आप लोग ही याद करिए। वश 2005 से पहले उसके माता-पिता 15 साल सत्ता में रहे..। कोई काम हुआ था क्या? शाम में घर से कोई निकलता था, डर के मारे? कहीं कोई सड़क था..। जरा याद करिए..। अपने पुराने लोगों से पता कीजिए..। अब देखिए तो पटना मे कैसा-कैसा बिल्डिंग है"


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि"यह सब काम तो हम लोग करवाए हैं लेकिन वह झूठे कुछ-कुछ बोलते रहेगा..। लेकिन अब बात है कि सब लोग अपना प्रचार–प्रसार करता है.. । हम तो अपना काम में लगे रहते हैं..। हम प्रचार-प्रसार वाले नहीं न हैं..। हम तो काम में लगे रहते हैं और बाकी ऊ बिना कुछ किए ही अपने प्रचार में लगा रहता है। उ सब क्या काम किया, सारा काम हमलोगों का किया हुआ है..। आप तो जानते ही हैं कि सब कुछ तय करना किसका काम था..। आ जब उ सब को लाए कुछ दिन के लिए लेकिन उसके पहले से ही न सबकुछ तय था"


लालू प्रसाद की दो बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के चुनावी मैदान में उतरने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, "उ सबका कोई मतलब नहीं है..। उसको जो मन में आवे करते रहे..। कोई काम किया है इ सब..। पहले कितना हिंदू-मुस्लिम में झंझट होता था और जब हम लोग सरकार में आए तभी न सब कुछ शांत किए..। लेकिन अपना कुछ से कुछ करते रहता है..। किसी बात का चिंता एकदम मत करिए..। हम लोग अपना काम करते रहते हैं..। लोगों को मालूम है..। लोगों के बीच जाकर एक-एक चीज को देखना और लोगों के बीच में अपना बात रखना हमलोगों का काम है और बाकी जिसको जो मन में आए करता रहे.. । झूठ बात कहते रहे"।