PATNA: बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा आज फतुहा के जेठुली गांव पहुंचे। जहां उन्होंने पीड़ित परिवार और ग्रामीणों से मिले। पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की। साथ ही भ्रष्ट पदाधिकारी एसआई विनोद यादव की संपत्ति की जांच कराए जाने की मांग की।
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अपराधियों की करतूत से पूरा गांव दहशत में है। सरकार व प्रशासन की नाकामी एक बार फिर उजागर हुई है। गोलीबारी, आगजनी और उपद्रव से दो दिन बाद भी जेठूली में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। यह पूरी घटना सरकार की कमजोर, लचर स्थिति, प्रशासनिक अराजकता और सत्ता संरक्षण में एक दल व जाति विशेष के दबंगों व अपराधियों को बढ़ावा देने का नतीजा है। जेठूली गांव में आज भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतकों की विधवाओं व बच्चों की सिसकियों के बावजूद चारों तरफ मातमी सन्नाटा है।
विजय सिन्हा ने सरकार से यह मांग की है कि अपराधियों की सम्पत्ति जब्त कर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। मामले में स्पीडी ट्रायल चला दोषियों को सज़ा दी जाए। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की भी मांग की।
विजय सिन्हा ने कहा कि जेठुली की घटना दुखद है छपरा में जो खेल हुआ वही जेठूली में हुआ। इस मामले की स्पीडी ट्रायल चलाया जाए। पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। सदन के अंदर अब सरकार को जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि क्या शरीफ और सज्जन यादव को जीने का अधिकार नहीं है?
इनकों इंसाफ दे सरकार नहीं तो सड़क से सदन तक हम आवाज उठाएंगे। गांजा और दारु माफिया समाज में अशांति फैला रखा है और सरकार चुप बैठी है। यहां के भ्रष्ट पदाधिकारी एसआई विनोद यादव अपराधियों को बचा रहा है उसे अविलंब हत्या का अभियुक्त बनाए और संपत्ति की जांच करे। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जाए।
गौरतलब है कि फतुहा से सटे जेठुली में दो दिनों तक लगातार हिंसा हुई थी। 19 फरवरी को उमेश राय, उसका भाई बच्चा राय और उसके समर्थकों पर गोली चलाने का आरोप हैं। इसके बाद ही हिंसा भड़की। इलाके गुस्साए लोगों ने पहले दिन उमेश राय के घर, मैरिज हॉल और वहां खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी। फिर जमकर उपद्रव मचाया था। इस मामले में पुलिस ने अपने बयान पर दूसरा FIR दर्ज किया।
आपको बताते चलें कि, अब तक तीनों केस में 75 लोगों को नामजद किया गया है। अन्य उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस मोबाइल में बनाए वीडियो और इंटरनेट पर प्रसारित वीडियो देख रही है। प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है।