PATNA: लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बिहार में पहली जनसभा की। भाजपा की सहयोगी पार्टी लोजपा (रामविलास) के लिए प्रधानमंत्री ने जमुई लोकसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित किया। लेकिन सभा में प्रधानमंत्री की जुबान फिसली। सिर्फ जुबान ही नहीं फिसली बल्कि वे अपना बड़ा चुनावी मुद्दा भी भूल गये।
ऐसे फिसली प्रधानमंत्री की जुबान
जमुई में लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी अरुण भारती चुनाव लड़ रहे हैं। वे स्व. रामविलास पासवान के दामाद और चिराग पासवान के बहनोई हैं। जमुई की जनसभा में प्रधानमंत्री ने स्व. रामविलास को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा “यह पहला ऐसा चुनाव है जब परम मित्र पद्मविभूषण से सम्मानित रामविलास पासवान जी हमारे बीच नहीं हैं।”
बता दें कि रामविलास पासवान को पद्भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था। उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने स्व. रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्मभूषण सम्मान देने का फैसला लिया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित बता दिया।
अपना चुनावी नारा भी भूले
प्रधानमंत्री के जमुई से आने से पहले राजद औऱ कांग्रेस के नेताओं ने उनसे एक सवाल पूछा था। तेजस्वी यादव ने पूछा था कि क्या जमुई में सभा करने आ रहे प्रधानमंत्री अपने प्रमुख चुनावी नारे परिवारवाद की चर्चा करेंगे या फिर जमुई में उसे भूल जायेंगे। प्रधानमंत्री वाकई अपने इस चुनावी एजेंडे को भूल गये।
दो दिन पहले नरेंद्र मोदी बिहार बीजेपी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से वर्चुअल तरीके से संवाद कर रहे थे। उसमें भी वह अपने कार्यकर्ताओं को समझा रहे थे कि भ्रष्टाचार औऱ परिवारवाद उनका प्रमुख चुनावी एजेंडा है। लेकिम जमुई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी परिवारवाद की चर्चा नहीं की।
वैसे स्व. रामविलास पासवान को याद करने के बहाने उऩ्होंने चिराग पासवान की तारीफ जरूर की। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे संतोष है कि रामविलास जी के विचार को मेरा छोटा भाई चिराग पासवान बहुत गंभीरता से आगे बढ़ा रहा है।