पटना में जयप्रभा मेदांता हाॅस्पिटल का कार्यक्रम : इमरजेंसी व ट्राॅमा मरीजों के लिए समिट का आयोजन

पटना में जयप्रभा मेदांता हाॅस्पिटल का कार्यक्रम : इमरजेंसी व ट्राॅमा मरीजों के लिए समिट का आयोजन

PATNA : पटना के जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल ने रविवार को इमरजेंसी एंड ट्राॅमा समिट का आयोजन किया। जिसमें चिकित्सा जगत और उससे जुड़े कई प्रमुख लोग शामिल हुए। बिहार सरकार के स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इस समिट का उद्धेश्य इमरजेंसी एवं ट्रामा केयर में नयी तकनीक और अनुभव को साझा करना था। जिससे मरीज़ के इलाज में बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके।


समिट में हर प्रकार के इमरजेंसी केसेज पर सही प्रबंधन पर गहन रूप से चर्चा हुई। समिट में आए वक्ताओं ने इस बात पर  सहमति जतायी कि इमरजेंसी एंड ट्राॅमा के मरीजों को त्वरित और बेहतर इलाज समय से मिलना चाहिए। ताकि उनकी जान बचाई जा सके। इसके लिए हम सभी की सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। बड़े हॉस्पिटल के साथ-साथ छोटे हाॅस्पिटल का कर्तव्य बनता है कि मरीज का इलाज उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर करें और गंभीर मरीज़ों को अन्य उच्च हाॅस्पिटल के लिए सही समय पर रेफर करें, ताकि समय पर उसकी जान बचायी जा सके।


साथ ही सभी हॉस्पिटल्स सुनियोजित और सुनिश्चित करें कि एम्बुलेंस में सभी जीवन रक्षक उपकरण और दवाएं उपलब्ध हों। ताकि रास्ते में मरीज की परेशानी न बढ़े। समिट में ऐसे मरीजों के प्रभावी इलाज के लिए जीवनरक्षक उपकरण और तकनीक पर डाॅक्टरों ने चर्चा भी की। इस मौक़े पर अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डा. रविशंकर सिंह ने कहा कि मेदांता हॉस्पिटल इलाज के साथ-साथ सही जानकारी बिहार के नागरिकों तक पहुँचाने को प्रतिबद्ध है और हमेशा ऐसे कार्यक्रम करता रहता है। जिससे सही जानकारी चिकित्सा क्षेत्र में जा सके और यह समिट उसकी एक कड़ी है। बिहार में निजी क्षेत्र में सबसे बड़ी इमरजेंसी टीम मेदांता हॉस्पिटल में उपलब्ध है और ट्रामा मरीज़ों को उत्कृष्ट और सबसे प्रभावी इलाज़ उपलब्ध कराने के लिए लेवल-वन ट्रामा सेंटर भी है । 


समिट का आयोजन दो सेशन के किया गया। पहला सेशन था साइंटिफिक प्रोग्राम और दूसरा था वर्कशाॅप। पहले सेशन में जयप्रभा मेदांता हाॅस्पिटल के इमरजेंसी तथा ट्राॅमा के सर्जरी हेड तथा आयोजन अध्यक्ष डाॅ. अभिषेक कुमार ने आगन्तुकों का स्वागत किया। इस सेशन में पेट में इमरजेंसी के बारे में डाॅ. गौरव कुमार ने विस्तार से बताया। स्ट्रोक इमरजेंसी पर डाॅ. कुमार राज ने अपने अनुभव साझा किये। सर में चोट की इमरजेंसी के बारे में न्यूरो सर्जन डाॅ. मुकुन्द प्रसाद ने व्याख्यान दिये। हड्डी रोग की इमरजेंसी के बारे में डाॅ. राजीव रंजन सिंहा ने चर्चा की। विषाक्त भोजन या विष के सेवन से होने वाले जोखिम और उनका सही ईलाज  के बारे में डाॅ. किशोर झुनझुनवाला ने अपने विचार व्यक्त किये। एडवांस क्रिटिकल केयर इमरजेंसी पर डाॅ. दिवेन्दु भूषण ने प्रकाश डाला। हाइपरटेंशन इमरजेंसी एंड रीदमिया पर हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रमोद कुमार ने विस्तार से बातचीत की। इसके अलावा डाॅ. राम्याजीत लाहिरी, डाॅ. तमोरिष कोले ने भी अपने अनुभव साझा किए। डाॅ. सैयद फैज अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन किया। पैनेलिस्ट में स्वास्थ्य सचिव श्री संजय सिंह, डाॅ. उदयकांत मिश्रा, बिहार के पूर्व डीजीपी संजीव कुमार सिंघल, जयप्रभा मेदांता हाॅस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ. रवि शंकर सिंह मौजूद थे।


वर्कशाॅप  में डाॅ. शुभलेस कुमार, डाॅ. विशाल वैभव, डाॅ. दिव्या ज्योति और डाॅ. शशि कुमार, डाॅ. नेहा कुमारी और डाॅ. नीरज कुमार ने प्रभावी ईलाज में उपयुक्त होने वाले उपकरण और तकनीकों का प्रैक्टिकल  करके दिखाया। इस समिट में बिहार के सभी सरकारी एवं प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों के अधीक्षक, उपाधीक्षक तथा ट्रामा हेड शामिल थे। इसके अलावा बिहार के सभी सिविल सर्जन, पुलिस के अधिकारी, एनडीआरएफ टीम के वरीय अधिकारी भी शामिल थे