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DESK : देश में कोरोना के लगातार बढ़ते जा रहे संक्रमण के बीच दो विशेषज्ञों ने दावा किया है कि भारत से कोरोना का अंत हो जायेगा. लेकिन इसके लिए इंतजार करना होगा. अभी कोरोना का पिक टाइम आना बाकी है. इसके बाद एक दौर आयेगा जब महामारी का असर बेहद कम हो जायेगा. विशेषज्ञों ने जिस फार्मूले पर ये निष्कर्ष निकाला है वो यूरोप के देशों में बिल्कुल सटीक साबित हुआ है.
दो विशेषज्ञों ने किया रिसर्च, तीन महीने में कम जायेगा कहर
देश के दो प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सितंबर महीने में भारत से महामारी का कहर काफी कम हो जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के इन विशेषज्ञों ने एक गणितीय गणना के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अभी कोरोना का पिक टाइम यानि चरम सीमा आना बाकी है. दोनों के विश्लेषण में बताया गया है कि जब कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके और जान गंवाने वाले मरीजों की कुल संख्या सक्रिय मरीजों की संख्या के बराबर पहुंच जाएगी तब का समय कोरोना संक्रमण का चरम होगा. इसके बाद कोरोना संक्रमण में गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा. लेकिन ये समय़ आने में कम से कम तीन महीने लगेंगे. सितंबर महीने के मध्य से देश में कोरोना का कहर थम जायेगा.
मैथ के फार्मूले पर विशेषज्ञों का दावा
प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका एपिडेमियोलॉजी इंटरनेशनल में दो स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ये निष्कर्ष प्रकाशित हुआ है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में पब्लिक हेल्थ के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. अनिल कुमार और डिप्टी असिस्टेंट डायरेक्टर रूपाली रॉय ने ये शोध किया है. दोनों ने कोरोना संक्रमण का अनुमान लगाने के लिए बैले गणितीय मॉडल का इस्तेमाल किया है.
यूरोप में सटीक साबित हुआ है ये फार्मूला
डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर यूरोप के कई देशो में बैली मॉडल से आकलन किए गए हैं. वे बिल्कुल सटीक निकले हैं. हालांकि, आकलन के सफल होने में कई अन्य कारण भी प्रभाव डालते हैं. इसमें सरकार की भूमिका बेहद अहम होती है. लिहाजा ये नहीं कहा जा सकता कि भारत में ये सौ फीसदी सही साबित होगा.
दरअसल बैले गणितीय मॉडल के आधार पर किसी भी संक्रामक बीमारी का निष्कर्ष निकाला जाता है. इस मॉडल में किसी बीमारी से कुल संक्रमित हुए लोगों और इससे ठीक हो चुके सभी मरीजों की संख्या के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक ये मॉडल इस आधार पर काम करता है कि जब तक कोई व्यक्ति संक्रमित है तब तक वह कितने नए लोगों को संक्रमित कर सकता है. ये फार्मूला बताता है कि एक बार जब ठीक हो चुके और जान गंवा चुके लोगों की संख्या मिलकर कुल संक्रमितों की संख्या के बराबर हो जाएगी तब संक्रमण फैलने का दौर खत्म हो जाएगा. भारत में अभी ठीक हो चुके और जान गंवा चुके लोगों की संख्या कुल संक्रमितों की संख्या के लगभग आधे के बराबर है. अगले तीन महीने में ये दोनों संख्या बराबर हो जायेगा. तब महामारी का प्रसार नियंत्रित हो जायेगा
विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में महामारी की वास्तविक शुरुआत दो मार्च को हुई थी और तब से रोज नए मामले बढ़ रहे है. उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के प्रसार में आबादी और वातावरण की भूमिका अहम है. सरकार को इन्हें ध्यान में रखते हुए फैसले लेने होंगे. तभी कोरोना पर नियंत्रण किया जा सकता है.