जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम Bihar Politics OTT Series: 'बिहार से हैं क्रोमोसोम में राजनीति हैं ...', जानिए बिहार की पॉलिटिक्स को समझने के लिए क्यों देखना चाहिए यह सीरीज; क्या है खास BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें Diwali 2025: दूर कर लें कंफ्यूजन! 20 या 21 अक्टूबर कब है दीपावली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय Bihar news: बिहार विधान परिषद में नौकरी करने का सुनहरा मौका, निकली इतने पदों पर भर्ती; जानिए कैसे करें आवेदन School Fees : स्कूलों में डिजिटल ट्रांसपेरेंसी का बड़ा कदम, अब UPI से होगी फीस पेमेंट; खत्म होंगी लंबी लाइनें Success Story: IFS ऑफिसर गीतिका की अनसुनी दास्तां, खुद को सोशल मीडिया से दूर कर कैसे किया कमाल? आप भी जानिए अनोखी ट्रिक
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 10 May 2024 06:58:33 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार के अशोक कुमार विश्वास, सुरेन्द्र किशोर और पं. रामकुमार मल्लिक को नागरिक अलंकरण समारोह में पद्मश्री से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में अशोक कुमार विश्वास व पं. रामकुमार मल्लिक को कला और सुरेन्द्र किशोर को साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है।
सुरेन्द्र किशोर प्रसिद्ध पत्रकार हैं। उनका जन्म 2 जनवरी, 1947 को सारण जिला के भराहापुर गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने इतिहास में बीए (ऑनर्स) की डिग्री ली। उन्होंने वर्ष 1977 में मुख्यधारा की पत्रकारिता में प्रवेश किया। वे पिछले पांच दशकों से पत्रकारिता कर रहे हैं। इस दौरान ‘हिन्दुस्तान’ समेत कई पत्र-पत्रिकाओं में महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। उनके पास समृद्ध निजी पुस्तकालय और संदर्भ संग्रह भी है। वे अपनी विनम्रता, सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं।
वहीं, पं. रामकुमार मल्लिक 500 वर्षों से चली आ रही दरभंगा की ध्रुपद परंपरा के सबसे पुराने संगीतकारों में एक हैं। 10 फरवरी, 1957 को जन्मे पं. रामकुमार मल्लिक दरभंगा घराने (मल्लिक घराना) के विख्यात संगीत परिवार से हैं। वे इस संगीत वंश की 12वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ध्रुपद संगीत में उनका प्रशिक्षण बहुत छोटी सी उम्र में उनके पिता स्व. पं. विदुर मल्लिक और दादा प्रसिद्ध ध्रुपद गायक स्व. पं. सुखदेव मल्लिक के मार्गदर्शन में शुरू हुआ। उन्हें ध्रुपद ही नहीं, बल्कि खयाल, ठुमरी, दादरा, विद्यापति गीत के साथ-साथ भजन में भी महारत हासिल की है।
उधर, अशोक कुमार विश्वास का जन्म 3 अक्टूबर, 1956 को रोहतास में हुआ है। वे एक सम्पन्न लोक कलाकार हैं। उन्होंने बिहार के ग्रामीण और उप शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के उत्थान के लिए लोक चित्रकला के रूप में बदलाव लाते हुए उन्हें नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया। उन्होंने मौर्यकालीन प्राचीन शिल्प टिकुली कला को पुनर्जीवित करने के लिए अपने जीवन के पांच दशक लगा दिए।