DESK: आज देश में एक सिपाही की ईमानदारी की चर्चा खूब हो रही है। चर्चा होगी भी कैसे नहीं उसने काम ही ऐसा किया है। इस बात की जानकारी मिलने के बाद खुद मुख्यमंत्री ही इस कॉन्स्टेबल के कायल हो गये हैं। उन्होंने भी अपने ट्विटर हैंडल से जवान की तारीफ की है। दरअसल इस ट्रैफिक पुलिस को सड़क के किनारे रखा एक बैग मिला था जिसमें 45 लाख रुपये थे। इतने सारे कैश मिलने के बाद भी उसका इमान नहीं डोला। उसने सारे पैसे पुलिस के हवाले कर दिए। इस तरह से उसने ईमानदारी की बड़ी मिसाल पेश किया है।
हम बात छत्तीसगढ़ के रायपुर ट्रैफिक पुलिस नीलांबर सिन्हा की कर रहे हैं। जिसकी ईमानदारी की चर्चा पूरे प्रदेश और देश में हो रही है। ट्रैफिक पुलिस नीलांबर सिन्हा ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए रुपयों से भरे बैग को थाने में जमा करवा दिया। इस बैग में 500-500 रुपये के 5 बंडल और 2000 रुपये के एक बंडल रखे हुए थे।
500 और 2000 रुपये का बंडल बैग में मिलने के बाद भी इस ट्रैफिक पुलिस की नियत खराब नहीं हुई और ना ही उसका इमान डोला। 45 लाख रुपये से भरा बैग इसके मालिक तक पहुंचे इसे लेकर उसने कैश मिलने की जानकारी अपने वरीय अधिकारी को दी। जिसके बाद पूरे पुलिस विभाग और प्रदेश में उसकी इमानदारी की चर्चा होनी शुरू हो गयी। फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने कैश से भरे बैग को पुलिस कंट्रोल रुम में जमा करवा दिया है।
ट्रैफिक पुलिस की इमानदारी की चर्चा हर जगह हो रही है। खुद छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उसकी इमानदारी के कायल हो गये है। उन्होंने ट्वीट करते हुए यह लिखा कि "ट्रैफिक आरक्षक नीलांबर सिन्हा जैसे ईमानदार लोग समाज के लिए आज के समय में ईमानदारी का पर्याय हैं। नीलांबर को लावारिस हालत में 45 लाख रुपए से भरा बैग प्राप्त हुआ था, जिसे उन्होंने एसएसपी रायपुर को लौटा दिया। ऐसे ईमानदार व्यक्तित्व समाज के लिए आदर्श हैं। हम सब इनको सलाम करते हैं।"