DESK: लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में CBI ने वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले सीबीआई की टीम ने बीते शुक्रवार को ICICI बैंक की पूर्व CEO और MD चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। मुंबई की विशेष अदालत ने दोनों को तीन दिन की कस्टडी में भेज दिया था।
आरोप है कि चंदा कोचर ने ICICI बैंक की पूर्व CEO और MD रहते हुए वीडियोकॉन की कई कंपनियों को नियमों की अनदेखी कर लोन स्वीकृत किए। जिसमें 2012 में दिया गया 3250 करोड़ रुपए का एक लोन भी शामिल है। जिस कमेटि में चंदा कोचर मेंबर थीं उस कमेटि ने लोन स्वीकृत किए थे। बाद में कुछ लोन को एनपीए घोषित कर दिया गया था, जिससे ICICI बैंक को घाटा हुआ था।
शनिवार को चंदा कोचर के वकील ने कोर्ट को बताया कि चंदा कोचर ऐसी किसी भी कंपनी में डायरेक्टर या स्टेकहोल्डर नहीं थीं, जिसे लोन दिए गए थे। CBI वकील की इस दलील से संतुष्ट नहीं हुई और चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी की गई थी। इसके बाद सोमवार को सीबीआई ने लाभार्थी वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत भी गिरफ्तार कर लिया है। अब से कुछ दिन पहले सीबीआई ने उनसे ICICI बैंक से जुड़े लोन फ्रॉड और मनी लॉन्डरिंग के मामले में पूछताछ की थी।
बता दें कि सीबीआई ने सबसे पहले दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मार्च 2018 में आरंभिक जांच दर्ज की थी। यह आरंभिक जांच वीडियोकॉन ग्रुप को लेंडर के एक समूह द्वारा 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिए जाने के मामले में दर्ज की गई थी। शुरुआती जांच में सीबीआई ने पाया कि जून 2009 से अक्टूबर 2011 के दौरान वीडियोकॉन ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों को कुल 1875 करोड़ रुपये के 6 लोन मंजूर किए जाने में ICICI बैंक की निर्धारित नीतियों का उल्लंघन किया गया था। इन कर्जों को 2012 में NPA घोषित कर दिया गया, जिससे बैंक को 1730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।