होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन, बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है यह पर्व

होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन, बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है यह पर्व

PATNA CITY/ PURNEA:- रंगों का त्योहार होली से पूर्व आज पूरे बिहार में होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। चौक चौराहा पर होलिका दहन की तैयारी में लोग जुटे है। कई जगहों पर तो होलिका दहन भी किया गया। पटना, पुर्णिया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सीवान सहित कई जिलों में आज होलिका दहन का आयोजन हुआ। इसी कड़ी में पटना सिटी के शहीद भगत चौक स्थित मिरचाई गली के पास होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस मौके पर भारी संख्या में महिलाएं और पुरूष शामिल हुए। होलिका दहन के बाद महिलाएं एक दूसरे को रंग गुलाल लगाती दिखीं। रंग गुलाल लगाकर एक दूसरे को होली की बधाई दी गई। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने होली के गीत गाकर इस पर्व को मनाया और अपनी खुशियां जाहिर की। होली में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर सेे  विभिन्न चौक चौराहों पर पुलिस टीम की तैनाती की गई। वही  वैदिक मंत्रोच्चार के बीच होलिका जलाई गयी। होलिका दहन कार्यक्रम को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। इस मौके पर पटना सिटी एसडीओ मुकेश रंजन और और पटना सिटी डीएसपी अमित शरण भी शामिल हुए । पटना साहिब के लोगों को उन्होंने होली की शुभकामनाएं दी।



वही पूर्णिया के बनमनखी स्थित धरहरा गांव में भी होलिका दहन का आयोजन किया गया है। भक्त प्रह्लाद को अग्निकुंड में लेकर बैठने वाली होलिका के दहन की परंपरा पूर्णिया के इसी गांव से हुई थी। जहां प्रह्लाद को गोद मे लिए होलिका जलकर नष्ट हुई थी। पूर्णिया के बनमनखी का धरहरा गांव आज भी देश भर में होलिका दहन के सबसे बड़े उत्सव का गवाह बनता है । मान्यता है कि होली की पूर्णिया के इसी गांव से हुई थी। जिसके प्रमाण भी मिले हैं । यहीं भक्त प्रह्लाद का स्तम्भ भी है और यही नरसिंह का अवतार हुआ था। आज भी लाखों श्रद्धालु इस होलिका दहन के कार्यक्रम में पूर्णिया आते हैं।