PATNA: 27 मई को पटना विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज परिसर में बी.एन. कॉलेज के फंक्शनल इंग्लिश के अंतिम वर्ष के छात्र हर्षराज की निर्मम हत्या असामाजिक तत्वों ने पीट-पीटकर बर्बरतापूर्वक कर दी। ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) की पटना जिला कमिटी ने जनशक्ति परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में मृतक के परिजन को मुआवजा दिये जाने की मांग सरकार से की। वही हर्ष राज के हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग दोहराई।
ए.आई. एस. एफ की ओर से पटना लॉ कॉलेज के छात्र बिट्ट भारद्वाज और अभिषेक विद्रोही ने इस घटना निंदा करते हुए कहा कि हर्षराज की हत्या पटना विश्विद्यालय में निरंतर बिगड़ते जा रहे एकाडमिक माहौल का स्वाभाविक नतीजा है। कैंपस में मारपीट के हिंसक घटनाएं लगातार होते रहती है लेकिन विश्विद्यालय प्रशासन ने इन घटनाओं को हल्के में लिया। इसे लेकर कोई ठोस करवाई कभी नहीं की गयी। इसे असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ता चला गया। असामाजिक तत्वों ने हर्ष राज की हत्या कर दी।
ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (ए.आई. इस.एफ) ने सभी हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की और कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने की बात दोहराई। ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो इसके लिए आसामाजिक तत्वों पर कारवाई किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही इस संगठन ने यूनिवर्सिटी का अकाडमिक माहोल को बेहतर करने की मांग पीयू प्रशासन से की।
बिट्टू भारद्वाज और अभिषेक विद्रोही ने कहा कि यह घटना लोकसभा चुनावों के दरम्यान हुई है। लिहाजा कुछ राजनीतिक दल इसका बेवजह इस्तेमाल कर रहे हैं जो बिल्कुल गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना का हवाला देकर जातिवादी भावनाओं को भड़काने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं। ए.आई. एस.एफ ने मांग किया कि राजनीतिक नेताओं को अपनी इन हरकतों से बाज आना चाहिए। ए.आई.इस.एफ ने अपनी मांगे पीयू प्रशासन और सरकार के समक्ष रखा और इस पर अविलंब ध्यान देने की अपील की।
1. दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी और अनपर कठोर कानूनी कार्रवाई हो ।
2. हर्षराज के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा राशि अविलंब दे ।
3. परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी ।
4. पटना लॉ कॉलेज के प्राचार्य को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
5. विश्वविद्यालय के डीन और प्रॉक्टर की बर्खास्तगी हो ।
6. कुलपति की स्थाई नियुक्ति ।
7. कैंपस को अपराध एवं भय मुक्त किया जाए और छात्रों की सुरक्षा की गारंटी दी जाए।
8. छात्रावास के वार्डन स्थाई रूप से वार्डन हाउस में रहें और हॉस्टलों की नियमित जांच हो ।