DESK : आपने अक्सर यह सुना होगा कि प्राइवेट नौकरी में छुट्टी नहीं मिलने के बाद लोग नौकरी तक छोड़ देते हैं। लेकिन सरकारी नौकरी में आशा कम देखने को मिलता है क्योंकि सरकारी नौकरी में अलग-अलग प्रकार की कई छुट्टियां पहले से कर्मचारियों के पास मौजूद रहती है। लेकिन अब छुट्टी नहीं मिलने के बाद एक जिले के डीएम ने बड़ा है अजीबोगरीब फैसला लिया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एसडीएम को गृह प्रवेश में जाने के लिए छुट्टी नहीं मिली जिसके बाद डीएम ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि इससे पहले डीएम ने पत्र लिखकर छुट्टी की मांग की थी जिसे नामंजूर कर दिया गया था।जिसके बाद छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपना इस्तीफा मध्यप्रदेश शासन को सौंप दिया है।
निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को एक पत्र जारी करते हुए इस बात का जिक्र किया है कि 25 जून को बैतूल जिले के आमला में उनके घर का गृह प्रवेश कार्यक्रम होना है। जिसके लिए उन्होंने प्रशासन से छुट्टी मांगी थी लेकिन प्रशासन ने उनकी छुट्टी नामंजूर कर दी है। अपने पत्र में डिप्टी कलेक्टर ने इस बात का जिक्र किया है कि इससे उनकी व्यक्तिगत और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और इसी वजह से वह अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं।
आपको बताते चलें कि, वर्तमान में निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। निशा बांगरे कुछ दिनों पहले तब सुर्खियों में आई थी जब बैतूल जिले की आंवला विधानसभा से उनके चुनाव लड़ने की बात सामने आई थी। इससे पहले उन्होंने सर्वधर्म शांति सम्मलेन में और बैतूल जिले के आसपास समभाव पदयात्रा में होने के लिए उन्होंने 1 महीने की छुट्टी मांगी थी। इसीलिए कार्यक्रम के माध्यम से उसमें शामिल होना चाहती थी लेकिन मध्य प्रदेश शासन ने उनकी छुट्टी को नामंजूर कर दिया और इसी वजह से आखिरकार उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है।