PATNA : बिहार में चार चरणों का चुनाव समाप्त हो चुका है। अब पांचवे चरण के तहत राज्य की पांच सीटों (सारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर) पर 20 मई को मतदान होना है। इन पांच सीटों पर मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है। ऐसे में दोनों ही गठबंधन के दिग्गज नेता अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने के लिए चुनावी सभा कर रहे हैं। इस बीच आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना आ रहे हैं।
अमित शाह राजधानी के होटल मौर्य में रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन गुरुवार को सीतामढ़ी और मधुबनी में एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा करेंगे। सीतामढ़ी से एनडीए की ओर से जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर उम्मीदवार है। मधुबनी से अशोक यादव फिर से एनडीए की ओर से भाजपा प्रत्याशी हैं। बिहार में पांचवें चरण के लोकसभा चुनाव में जिन पांच सीटों पर मतदान होने जा रहा है, इनमें चार सीटों पर दोनों गठबंधनों एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार एक-दूसरे के लिए नये हैं।
वहीं, एक सीट मुजफ्फरपुर सीट ऐसी है, जहां पर एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार लगातार दूसरी बार आमने-सामने हैं। सीतामढ़ी में विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर की लड़ाई पूर्व सांसद राजद के अर्जुन राय से है। अर्जुन राय इस सीट पर 2009 में जदयू के टिकट पर जीते थे। इसके बाद वह 2014 में जदयू और 2019 में राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े, पर दोनों में उनकी हार हुई। इस बार फिर वह राजद के टिकट पर मैदान में हैं। वहीं, जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों के बीच यह पहली लड़ाई है।
जबकि, मधुबनी में जदयू के निवर्तमान भाजपा सांसद अशोक यादव से राजद के अली अशरफ फातमी की लड़ाई है। इन दोनों नेताओं के बीच भी यह पहला मुकाबला है। अशोक यादव 2019 में वीआईपी के प्रत्याशी को हराया था। वहीं, वर्ष 2019 और 2014 में इस सीट पर भाजपा के हुकुमदेव नारायण यादव जीते थे।
इसके साथ ही सारण में भाजपा के निर्वतमान सांसद राजीव प्रताप रूडी की लड़ाई राजद की रोहिणी आचार्या से है। रोहिणी का यह पहला चुनाव है। इस तरह दोनों उम्मीदवार के बीच पहली बार भिड़ंत है। 2019 में रूडी ने राजद के चंद्रिका राय और 2014 में राजद की राबड़ी देवी को हराया था। वहीं, 2009 के चुनाव में रूडी को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने हराया था।
इसके अलावा मुजफ्फरपुर में इस बार उन्हीं दोनों उम्मीदवारों में मुख्य मुकाबला है, जो 2019 में भी आमने-सामने थे। अंतर यह है कि दोनों उम्मीदवारों की पार्टी इस बार बदल गयी है। भाजपा के राजभूषण निषाद और कांग्रेस के अजय निषाद के बीच मुकाबला है। 2019 में अजय निषाद भाजपा के टिकट पर लड़े थे और वीआईपी के टिकट पर मैदान में उतरे राजभूषण निषाद को हराया था। 2014 में भी भाजपा के टिकट पर अजय निषाद जीते थे। वहीं, 2009 में अजय निषाद के पिता जयनारायण निषाद ने जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
उधर, हाजीपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान मैदान में हैं। इस कारण पूरे देश की नजर इस सीट पर है। हाजीपुर से वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने राजद के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम खड़े हैं। दोनों के बीच यह पहला मुकाबला है। 2019 में इस सीट पर लोजपा के पशुपति कुमार पारस विजयी हुए थे। वहीं, 2014 में रामविलास पासवान यहां से जीते थे। रामविलास पासवान को 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री जदयू के रामसंदुर दास ने हराया था।