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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Apr 2024 01:13:32 PM IST
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PATNA : बिहार में शिक्षा विभाग और राज्यपाल के बीच जारी तकरार के बीच अपर मुख्य सचिव केके पाठक सोमवार को राजभवन नहीं पहुंचे। जबकि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने केके पाठक को तलब करते हुए सोमवार की सुबह 10 बजे उनके चैंबर में उपस्थित होने को कहा था। लेकिन इस चर्चित आईएएस अफसर ने राज्यपाल के बुलावे को भी दरकिनार कर दिया। इससे सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि अब राज्यपाल उनके खिलाफ आगे क्या कदम उठाते हैं। इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
दरअसल, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने हाल ही में शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने कहा है कि राजभवन में बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं अन्य पदाधिकारियों की बैठक 9 अप्रैल को बुलाई गई थी। इसमें केके पाठक भी आमंत्रित थे। लेकिन वह बैठक में उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने इस पर खेद जताया और केके पाठक से अनुपस्थित रहने का कारण जानने के लिए उन्हें अपने चैंबर में सोमवार की सुबह 10 बजे तलब कर लिया। लेकिन एक बार फिर केके पाठक राजभवन नहीं पहुंचे।
मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर सुबह 10 बजे से अपने चैंबर में केके पाठक का इंतजार कर रहे थे। मगर पाठक नहीं पहुंचे। करीब आधा घंटा इंतजार करने के बाद वह अपने चैंबर से अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए निकल गए। राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच विश्वविद्यालयों के मुद्दे पर लंबे समय से टकराव जारी है।
केके पाठक ने विगत फरवरी और मार्च महीने में कई बार यूनिवर्सिटी के वीसी समेत अन्य पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। मगर एक भी बैठक में कोई वीसी शामिल नहीं हुए। राज्यपाल ने उन्हें बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पाठक के विभाग ने कुलपतियों के वेतन और विश्वविद्यालयों के बैंक खातों पर रोक लगा दी थी। इससे विश्वविद्यालयों के कुलपति भी पाठक से खासे नाराज चल रहे हैं।