BEGUSARAI: किसी ने सच ही कहा है कि प्यार अंधा होता है। प्यार में लोग किसी हद तक गुजरने को तैयार रहते हैं। उनके सामने समाज और जाति बंधन भी मायने नहीं रखता। इन बंधनों को तोड़ लोग जीने मरने की कसमें खाते है। ऐसी ही एक प्रेम कहानी बेगूसराय में सामने आई है जहां प्रेमी-युगल के लिए अंतरजातीय विवाह एक बड़ी समस्या बनी हुई थी। जिसके कारण दोनों के परिजन शादी को तैयार नहीं हुए तब इन्होंने घर से भागने का फैसला लिया। घर से भागकर ये दूसरे गांव में पहुंच गए जहां ग्रामीणों की नजर इन पर पड़ी। जब इनसे पूछताछ की गई तब पूरा मामला सामने आया। ग्रामीणों ने तुरंत इनके परिजनों को बुलाया। जिसके बाद पंचायत बैठायी गई जिसमें दोनों की शादी का फैसला लिया गया। पंचायत के फैसले के बाद बिना बैंड-बाजा और बारात के बरियारपुर के रामघाट स्थित शिव मंदिर में दोनों की शादी करवा दी गई।
दरअसल बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के वार्ड 5 के ग्रामीण राजकुमार उर्फ झुन्नीलाल बांध किनारे अपनी दुकान पर सोए हुए थे। तभी इनकी नजर बांध पर टहल रहे प्रेमी-युगल पर पड़ी। जब उन्होंने पूछताछ की तब पूरे मामले की जानकारी मिली। जब ग्रामीणों को पता चला कि युवक खोदावंतपुर और युवती बिदुलिया की रहने वाली है। तब इसकी सूचना दोनों के परिजनों को दी गई। जिसके बाद परिजन बरियारपुर पश्चिमी गांव पहुंचे तब जाकर पंचायत बैठायी गई। पंचायत में दोनों की शादी का फैसला लिया गया। जिसके बाद परिजनों की सहमति से बिना बैंड बाजा और बारात के ही शादी के पवित्र बंधन में दोनों को बंधवा दिया गया। दूसरे गांव से आए प्रेमी-प्रेमिकी की शादी की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई और दोनों को देखने के लिए शिव मंदिर में ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने भी वर-वधू को आशीर्वाद दिया।
प्रेमी युगल ने कहा कि वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। जिसकी जानकारी परिजनों को भी लग चुकी थी लेकिन अंतरजातीय विवाह होने के नाते परिजन शादी को तैयार नहीं थे। जिसके बाद मजबुरीवश उन्होंने यह कदम उठाया।