गलत ट्रेन में बैठ गए गार्ड बाबु, 10 मिनट तक प्लेटफार्म पर खड़ी रही गरीब रथ एक्सप्रेस; जानिए फिर क्या हुआ

गलत ट्रेन में बैठ गए गार्ड बाबु, 10 मिनट तक प्लेटफार्म पर खड़ी रही गरीब रथ एक्सप्रेस; जानिए फिर क्या हुआ

BHAGALPUR : रेल का सफर सबसे सस्ता और आरामदेह बताया गया है। लेकिन, इसके बाद कई बार जानकारी के अभाव में लोग गलत ट्रेन में सवार हो जाते हैं। गलत ट्रेन में सवार होने के बाद यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं गलत ट्रेन में बैठने पर टीटीई जुर्माना भी लगा देते हैं या फिर दूसरे स्टेशन पर ट्रेन से उतर जाने की चेतावनी देते हैं। ऐसे में अब एक ताजा मामला भागलपुर रेलवे स्टेशन से निकल कर सामने आ रहा है। 


दरअसल, भागलपुर में एक विपरीत घटना घटी है। जहां एक गार्ड ही गलत ट्रेन में चढ़ गए। गार्ड के गलत ट्रेन में चढ़ने के कारण 10 से 12 मिनट तक गरीब रथ एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर ही रूकी रही। वहीं, पूरा रेल महकमा परेशान हो उठा। सप्ताह में तीन दिन चलने वाली 22405 गरीब रथ एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या चार पर लगी थी, जबकि 04021 समर स्पेशल प्लेटफार्म संख्या तीन पर खड़ी थी। इस समर स्पेशल को डुप्लीकेट गरीब रथ एक्स्रपेस के नाम से भी जाना जाता है। दोनों ट्रेन के नंबर और रैक के रंगों में फर्क है। 2205-22406 गरीब रथ एक्सप्रेस में एलएचबी रैक है। इस रैक का रंग लाल है। जबकि डुप्लीकेट गरीब रथ का रैक हरा होने के साथ पुराने कोच हैं।


इसके बावजूद गरीब रथ एक्सप्रेस के गार्ड प्रताप सिंह डुप्लीकेट गरीब रथ में बैठ गए। यह मामला तब सामने आया जब 22405 गरीब रथ एक्सप्रेस का भागलपुर स्टेशन से रवाना होने का समय हो गया था। ट्रेन खुलने से कुछ ही मिनट पहले गार्ड से संपर्क किया गया। संपर्क होने पर गार्ड ने बताया कि वह ट्रेन में बैठ गए हैं। जब गरीब रथ एक्सप्रेस के गार्ड बोगी में देखा गया, तो गार्ड उस बोगी में नहीं थे। 


गार्ड को बोगी में नहीं देख, उनसे फिर संपर्क किया गया। गार्ड बार-बार ट्रेन में बैठने की बात दोहराते रहे। रेल कर्मियों के एहसास कराने पर कि वे गलत ट्रेन में जा बैठे हैं तब उस ट्रेन यानि 04021 डुप्लीकेट गरीब रथ से उतर कर 22405 गरीब रथ एक्सप्रेस में सवार हुए। इस दौरान यह भी उन्हें एहसास कराया गया कि कम पढ़े लिखे लोग गलती से गलत ट्रेन में सवार हो जाते हैं और आप तो पढ़े लिखे होने के साथ एक पद पर हैं। गाड़ी संख्या पर तो आपका जरूर ध्यान जाना चाहिया था।