ECR के GM ललित चंद्र त्रिवेदी ने लॉकडाउन में रची कविता, 'कोरोना को हराना है, रेल को चलाना है' का दिया संदेश

ECR के GM ललित चंद्र त्रिवेदी ने लॉकडाउन में रची कविता,  'कोरोना को हराना है, रेल को चलाना है' का दिया संदेश

PATNA : पूरे देश में लॉकडाउन है और रेलवे का चक्का थमा हुआ है।वहीं इस बीच  रेल मंतालय की ओर से यह जानकारी दी गई है कि लॉकडाउन के बाद भी 15 अप्रैल से रेलवे की सुविधा मुहैया कराने की कोई योजना अभी नहीं बनाई गई है। यानि रेलवे का लॉकडाउन लंबा खिंच सकता है इस जानकारी से ये उम्मीद की जा रही है। खैर जो भी हो इस दौरान भी रेलवे मालगाड़ियों के जरिए देश के एक कोने से दूसरे कोने तक लोगों की जरूरतों का सामान उन तक पहुंचाने में जुटी है। रेलवे के इस लॉकडाउन के बीच रेलवे के एक बड़े अधिकारी ने कोरोना और रेल के मेल से एक कविता रच डाली है ।जो रेल कर्मचारियों के साथ उन तमाम लोगों का उत्साह वर्धन कर रहा है जो कोरोना का आपदा झेल रहे हैं। 


हम बात पूर्व मध्य रेलवे ( ECR) के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी की। जिन्होनें कोरोना की महाआपदा और लॉकडाउन के बीच इस कविता की रचना की है। संकट की इस घड़ी में उनका कवि हृदय जाग उठा और उन्होनें कविता रच डाली। पहले आप पढ़ ले उनकी लिखी कविता को ....


कोरोना को हराना है 

रेल को चलाना है ।

रेलों से पहुँचेगी आवश्यक सामग्री सब दूर 

जनता को मिलेगी कोरोना से लड़ने की ताक़त भरपूर ।

लक्ष्मण रेखा को नहीं फाँदेंगे 

खुद को और दूसरों को इस रोग से बचाएँगे ।

मोदी की सलाह का करेंगे पूरा पालन 

जिससे भारत का संसार में रहेगा रुतबा क़ायम ।

आरोग्य सेतु ऐप को करेंगे डाउनलोड 

जिसमें समाहित हैं कोरोना को हारने का भेद । 

आयुष मंत्रालय ने दिया है कोरोना को हराने का नुस्क़ा

इसका इस्तेमाल करने से होगा सबको भरपूर फ़ायदा।

गृह मंत्रालय भी कर रहा है जारी दिशा निर्देश 

बारीकी से जाँच हो रही जो गए थे हाल में विदेश ।

मोदी के नेतृत्व में भारतवासियों को है पूरा विश्वास 

की देश से होगा कोरोना वाइरस का पूर्ण विनाश।

कविता बिल्कुल मौजूं है। समय के हिसाब से लिखी गयी है। समय कोरोना संकट काल का है। ऐसे में कवि का हृदय विचलित है। वे कविता के जरिए अपने दिल के भावों को व्यक्त कर रहे हैं। कवि कहते हैं कोरोना को हराना है, रेल को चलाना है। पूर्व-मध्य रेलवे के मुखिया के तौर पर ललित चंद्र त्रिवेदी के हाथों में पांच रेल मंडलों की कमान है। दानापुर, धनबाद, दीनदयाल उपाध्याय, सोनपुर और समस्तीपुर रेल मंडल में सारी गतिविधियों का संचालन करने का जिम्मा जीएम साहब के जिम्मे हैं। संकटकाल में रेलवे रेललाइन के किनारे बसने वाले लोगों को भोजन करवा रही है ताकि कोई भूखा न सोए। इतना ही नहीं दीनदयाल उपाध्याय रेलमंडल ने रोहतास के एक गांव को गोद लिया है। रेलअधिकारी और कर्मचारी गांव वालों का तिमारदारी में जुटे हैं ताकि लॉकडाउन में रोजगार बंद होने के बाद वे परेशान न हों। इसके अलावे रेलवे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन सहायता कोष में दान भी किया है।


कवि महोदय कविता में रेल मंत्रालय के साथ-साथ भारत सरकार के सभी मंत्रालयों का जिक्र करते हुए उनके योगदान का जिक्र करना नहीं भूलते ।कवि लिखते हैं कि लोग पीएम मोदी की सलाह मानेंगे और लक्ष्मण रेखा को नहीं फांदेंगे। खुद को इस रोग से बचाएंगे तो दूसरो को भी सुरक्षित करेंगे। सब मिलकर प्रयास करेंगे तो कोरोना वायरस का देश से पूर्ण विनाश हो जाएगा।


कोरोना संकट की घड़ी में पूर्व मध्य रेलवे के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी की लिखी ये कविता रेलकर्मियों के लिए बहुत बड़ा संबल का काम तो करेगी ही। देशवासियों को भी मनोबल देगी। देश लॉकडाउन को सफलतापूर्वक पूरा कर बीती बातों को भूलाकर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकेगा।