ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: आर्थिक तंगी और ग्रुप लोन के बोझ के चलते महिला ने उठा लिया बड़ा कदम, बेटे और बेटी के साथ गले में लगाया फंदा, मौके पर ही मां-बेटी की मौत BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा देवरिया से सुल्तानगंज जा रहे कांवरियों की गाड़ी को टैंकर ने मारी टक्कर, दो की हालत गंभीर खगड़िया में बड़ा हादसा: नहाने के दौरान चार स्कूली बच्चे गहरे पानी में डूबे, रेस्क्यू जारी छपरा: गंगा में डूबने से 3 की मौत, सावन सोमवारी के दिन कलश विसर्जन के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से आफत में मरीजों की जान,गंदगी में सुखाए जा रहे OT के कपड़े

1st Bihar Published by: 14 Updated Sun, 11 Aug 2019 10:08:18 PM IST

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से आफत में मरीजों की जान,गंदगी में सुखाए जा रहे OT के कपड़े

- फ़ोटो

DARBHANGA : बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की तस्वीरें सुधरने का नाम ही नहीं ले रही.बेहाल स्वास्थ्य सेवाओं से बेचैन बिहार की ताजा तस्वीरें आई है दरभंगा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच से .जहां ओटी और वार्ड में इस्तेमाल होने वाले कपड़े गंदे नाले के बगल में आवारा पशुओं के मल-मूत्र के बीच सुख रहे हैं.आपको बता दें कि अस्पताल प्रशासन की इस हरकत से  मरीजों की जान पर आफत आ सकती है लेकिन परवाह किसे है? सरकार ने डीएमसीएच में मरीजों का ख्याल रखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर मैकेनाइज्ड लाउंड्री स्थापित करवाई. अस्पताल की लांड्री में छह मशीनें हैं लेकिन  इनमें से चार मशीनें महीनों से खराब पड़ी हैं. कपड़े धोने की दो मशीनें काम कर रही हैं. कपड़े से पानी निचोड़ने व उन्हें सुखाने की सभी मशीनें खराब हैं. नतीजन कपड़ों को बाहर रस्सियों, जलकुंभी के ऊपर सुखाया जाता है.जिस तरह यहां कपडे की सफाई होती है उससे सर्जरी के मरीज और नवजात बच्चो को इंफेक्शन का खतरा रहता है. क्योंकि कपडे स्टेरलाइज भी नहीं किए जाते है.आपको बता दें कि सरकार इस अस्पताल में कपड़ों की साफ-सफाई पर सालाना पचीस से तीस लाख रुपए खर्च कर रही है. बावजूद इसके खुले में सूखते कपडे सीधे बीमारी को न्यौता दे रहे है. वहीं मशीन खराब होने की वजह से समय पर साफ चादरें उपलब्ध नहीं होती जिसके चलते कई दिनों तक मरीजों के बेड की चादरें नहीं बदली तक नहीं जाती. लॉन्ड्री के कर्मी अपनी मजबूरी का रोना रोते नजर आए ... वहीं अस्पताल प्रशासन अपने जवाब से ना तो अपनी जिम्मेदारी पूरी कर पाया और ना ही अपनी लापरवाही को छिपा पाया. साफ है कि बिहार में स्वास्थ्य सुविधाएं राम भरोसे है. दरभंगा से प्रशांत कुमार की रिपोर्ट