चीनी जासूसों को नोएडा में शरण देने वाला कैरी भी हुआ गिरफ्तार, गर्लफ्रेंड के साथ गुरुग्राम के फाइव स्टार होटल में छिपकर बैठा था कैरी

चीनी जासूसों को नोएडा में शरण देने वाला कैरी भी हुआ गिरफ्तार, गर्लफ्रेंड के साथ गुरुग्राम के फाइव स्टार होटल में छिपकर बैठा था कैरी

DELHI: नेपाल के रास्ते 24 मई को चुपके से भारत में घुसे दो चीनी नागरिकों को एसएसबी ने सीतामढ़ी से गिरफ्तार किया है। 17 दिनों तक वह नोएडा में रहा लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इन दोनों चीनी जासूसों को नोएडा में कैरी नामक शख्स ने शरण दिया था। कैरी को गर्लफ्रेंड के साथ गुरुग्राम के फाइव स्टार होटल से गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल कैरी और उसकी गर्लफ्रेंड से पुलिस पुछताछ कर रही है। चाइनीज नागरिक 28 वर्षीय लू लंग और 34 वर्षीय युंगहईलंग के बारे में जानकारी ली जा रही है।


ग्रेटर नोएडा की जेपी ग्रींस सोसाइटी में दो चीनी जासूस बीते दिनों ठहरे हुए थे। दोनों चाइनिज जासूसों को कैरी नामक शख्स ने शरण दे रखा था। जब दोनों जासूसों की गिरफ्तारी बिहार के सीतामढ़ी जिले से हुई तब कैरी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी कैरी को गुरुग्राम स्थित एक फाइव स्टार होटल से उसकी गर्लफ्रेंड के साथ पकड़ा है। उसके पास से फर्जी वीजा और कई भारतीय सिम कार्ड बरामद किया गया है। 


मिली जानकारी के अनुसार कैरी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में क्लब और कई फैक्ट्रियां चलाता है। जासूसी के शक को लेकर पुलिस की कई टीमें उससे गहनता से पूछताछ कर रही हैं। बताया जा रहा है कि एक दिन पूर्व बिहार में गिरफ्तार किए गए दोनों चीनी जासूसों को 17 दिन तक कैरी ने ही नोएडा में ठहराया था।


इससे पहले भारत-नेपाल बॉर्डर स्थित भिट्ठामोड़ से दो चीनी नागरिकों को एसएसबी ने पकड़ा था।एसएसबी ने दोनों को सुरसंड थाने पुलिस के हवाले कर दिया था। गिरफ्तार दोनों चीनी नागरिकों से जब पुलिस ने पूछताछ की तब दोनों ने बताया कि वे चीन से थाईलैंड होते हुए काठमांडू पहुंचे थे। वहां से बिहार बॉर्डर तक का सफर साइकिल से तय किया था। भारत आने के बाद कार हायर किया और नोएडा गये। नोएडा में दोनों अपने दोस्त कैरी के यहां 17 दिनों तक रहा। 


चाइनीज नागरिक का नाम लू लंग 28वर्ष और युंगहईलंग 34वर्ष है इनके पास से नेपाली करेंसी, 3 एटीएम कार्ड ,सिगरेट ,मोबाइल स्केल पेपर,पेंसिल ईयरफोन नेपाली पासपोर्ट जब्त किया गया था। दोनों चाइनीज नागरिकों से पूछताछ की गयी। भाषा की समस्या के कारण पूछताछ में कठिनाई हुई थी।