'धर्म के आधार पर भेदभाव का अधिकार नहीं ..', बोले लालू के सांसद ...CAA जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश, रोजगार पर नहीं निकलती आवाज

 'धर्म के आधार पर भेदभाव का अधिकार नहीं ..',  बोले लालू के सांसद ...CAA जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश, रोजगार पर नहीं निकलती आवाज

PATNA : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। इस कानून पर सवाल उठा रहा है। यहां तक कि तीन मुख्यमंत्रियों ने दावा किया है कि वो अपने राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे। अब इस मामले में राजद के राज्यसभा सांसद मनोज सिन्हा ने जोरदार पलटवार किया है। मनोज सिन्हा ने कहा कि -यह कानून कहीं से उचित नहीं है। 


मनोज सिन्हा ने कहा कि - 2019 में यह कानून सदन से पारित हुआ था। उस दौरान भी हमारी पार्टी को अपने तरफ से जो कहना था हमने कहा था। यह कानून संविधान के अनुसार नहीं है। संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव का अधिकार नहीं है। मैं यह पूछना चाहता हूं श्रीलंका के तमिल हिंदुओ ने क्या बिगाड़ा है। अब साढ़े चार बाद  सरकार जागी है और यह कानून लागू कर रही है। यह जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश है। 


इसके आगे सिन्हा ने कहा कि - केंद्र सरकार के पास नौकरी पर बोलने के लिए कुछ है ही नहीं। बिहार में तेजस्वी जी ने एक नई लकीर खींच दी है अब हर कोई उसी पर चलने की कोशिश में लगे हुए हैं। आज आप कहीं भी किसी से पूछ लिगिए नौकरी मतलब  तो सब कोई बोलेगा तेजस्वी यादव। इसलिए इस पर कोई चर्चा ही नहीं है। 


उधर, राज्य में बढ़ते अपराध के मामले को लेकर मनोज सिन्हा ने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं जो किसी के नाखून काटने पर जंगल राज बताते थे आज सर धर से अलग हो रहा है तो इसको कौन सा राज कहेंगे। ये लोग बस दूसरों का  देखते हैं, इन्हें अपना कुछ नजर नहीं आता है। आज बिहार में कौन सुरक्षित है यह बताएं।