PATNA : एक दौर था जब देश में हवाई सफर के बारे में आम आदमी नहीं सोच सकता था लेकिन धीरे-धीरे रेल टिकट सस्ते हुए और आम लोगों की पहुंच तक आ गए। जरूरत के मुताबिक आम लोग हवाई सफर भी करने लगे लेकिन अब महंगाई की जो मार हवाई सफर पर पड़ी है उसे देखकर ऐसा लगता है कि एक बार फिर आम आदमी की पहुंच से फ्लाइट ट्रैवल बाहर निकल जाएगा।
देश में हर दिन बढ़ती महंगाई अब आसमान तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) यानी हवाई ईंधन के दाम 16 फीसदी बढ़ाए गए। दिल्ली में यह 19,757.13 रुपए प्रति किलोलीटर महंगा होकर अपने रिकॉर्ड स्तर 1.41 लाख तक पहुंच गया है। इस साल 6 महीने में ही 11 बार कीमतें बढ़ाई जा चुकी हैं और यह 91 फीसदी महंगा हो चुका है। इसी साल 1 जनवरी को दाम 76,062 रुपए था। ईंधन महंगा होने के साथ स्पाइसजेट ने देर शाम हवाई किराये में 15 फीसदी तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया। इससे पहले स्पाइसजेट के एमडी और चेयरमैन अजय सिंह ने किराया 10 से 15 फीसदी तक बढ़ाने की बात कही थी। 16 मार्च 2022 को एटीएफ के दाम 18.3 फीसदी तक बढ़ाए गए थे।
हवाई जहाज के संचालन में 40-50% तक हिस्सेदारी रखने वाले एटीएफ की कीमतें बढ़ने से हवाई किराये में भी जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। साल के शुरुआती 6 महीनों में कई उड़ानों का न्यूनतम किराया दोगुना हो चुका है। आईआरसीटीसी के मुताबिक 16 जून को भोपाल से दिल्ली जाने का न्यूनतम किराया 5,663 रुपये था, जबकि जनवरी में यह 2700 रुपए के आसपास था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतें बढ़ने से हवाई ईंधन पर दबाव है। दुनिया का सबसे बड़ा क्रूड ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट गुरुवार को 119.16 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया, जो पिछले एक दशक का उच्चतम स्तर है।