DELHI: नीति आयोग के मुताबिक देशभर में गरीबों की संख्या में कमी आई है। पिछले 9 वर्षों में 24.82 करोड़ लोग कई तरह की गरीबी से बाहर आए हैं। जिसमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में गरीबों की संख्या कम हुई है। बिहार में 3.77 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। नीति आयोग द्वारा सोमवार को जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार 2005-06 से 2019-21 के बीच बिहार में 44.52 प्रतिशत आबादी बहुआयामी गरीबी से बाहर निकली है।
दरअसल, नीति आयोग राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर के मोर्चे पर स्थिति को मापती है। जिसमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृत्व स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, घर, संपत्ति और बैंक अकाउंट शामिल हैं। सोमवार को नीति आयोग जो आंकड़े जारी किए उसके मुताबिक, देश में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत थी जो 2022-23 में घटकर 11.28 प्रतिशत रही गई। इसके साथ ही इस अवधि के दौरान 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 5.94 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। वहीं बिहार में 3.77 करोड़ और मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। बहुआयामी गरीबी सूचकांक के सभी 12 संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। नीति आयोग के मुताबिक, पिछले लगभग दो दशकों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। गरीबी का स्तर तेजी से घटकर 11.28 फीसदी पर आ गया है। संभावना जताई गई है कि 2024 के अंत तक भारत इस मोर्चे पर एक अंक के आंकड़े में पहुंच जाएगा।