दिल्ली में पानी पर राजनीति हुई तेज, आप-बीजेपी आमने-सामने, रामविलास भी उतरे मैदान में

दिल्ली में पानी पर राजनीति हुई तेज, आप-बीजेपी आमने-सामने, रामविलास भी उतरे मैदान में

PATNA: अब दिल्ली के पानी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. इसको लेकर बीजेपी और आप पार्टी आमने-सामने हो गई है. दोनों की राजनीति में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी कूद पड़े हैं. इस विवाद का जड़ एक रिपोर्ट है. शनिवार को BIS द्वारा पीने के पानी के लिए तय मानक पर जांच नतीजों में मुंबई के पानी की गुणवत्ता सबसे अच्छी पायी गई थी और दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में उपलब्ध पानी एक या ज्यादा मापदंडों पर खरा नहीं उतर पाया था. गुणवत्ता के आधार पर BIS ने 21 शहरों की रैंकिंग की थी.जिसमें दिल्ली की पानी को खराब बताने पर राजनीति शुरू हो गई. इस रिपोर्ट को सही मानने को केजरीवाल सरकार तैयार नहीं है.

बीजेपी ने आप पर जहर पिलाने का लगाया आरोप

बीजेपी नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने दिल्ली की पानी को लेकर ट्वीट किया कि ‘’फ्री पानी के नाम पर दिल्ली की जनता को सीएम अरविंद केजरीवाल जहर पिला रहे हैं. देश के 20 शहरों के पानी पर हुए सर्वे में दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा जहरीला पाया गया. विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली आप सरकार लोगों को साफ़ पानी तक मुहैया कराने में नाकाम रही है.’’

बीजेपी को केजरीवाल ने दिया जवाब

बीजेपी के आरोपों के बाद सीएम केजरीवाल भी नहीं रूके और उन्होंने ट्वीट कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन को जवाब दिया हैं. केजरीवाल ने ट्वीट किया कि ’’सर, आप तो डॉक्टर हैं. आप जानते हैं कि ये रिपोर्ट झूठी है, राजनीति से प्रेरित है. आप जैसे व्यक्ति को ऐसी गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए.’’

जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाने पर भड़के रामविलास

जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाने पर केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान भी भड़क गए. ट्वीट किया कि ‘’यदि दिल्ली सरकार दावा करती है कि जल बोर्ड द्वारा आपूर्ति किया जा रहा पानी BIS या WHO के मानकों के अनुरूप है तो इसे मैंडेटरी करने पर सहमती क्यों नहीं देती है. आम आदमी पार्टी के BIS द्वारा जारी पानी की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाने पर हम कहना चाहते हैं कि BIS एक स्वायत्त संस्था है और इसने निष्पक्ष रूप से दिल्ली सहित देश के सभी राज्यों में पानी की गुणवत्ता की जांच की है. इसमें किसी तरह के भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता. हमारा उद्देश्य है कि देश के सभी नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो. हम किसी को नीचा दिखाना नहीं बल्कि ये चाहते हैं कि सभी राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारी समझें और अपने नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी सुनिश्चित करें.’’