दिल्ली से पटना पहुंचते ही कार्यकर्ताओं से मिले पशुपति पारस, कहा-हमलोगों के साथ अन्याय हुआ है..किसी भी हाल में हाजीपुर से लड़ेंगे

दिल्ली से पटना पहुंचते ही कार्यकर्ताओं से मिले पशुपति पारस, कहा-हमलोगों के साथ अन्याय हुआ है..किसी भी हाल में हाजीपुर से लड़ेंगे

PATNA: बिहार में सीट बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने आज केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। दिल्ली में इस्तीफा देते हुए पशुपति पारस ने कहा कि..मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है। मुझे एक भी सीट नहीं दी गई है। इस्तीफा देने के बाद पशुपति पारस शाम में पटना पहुंचे। पटना पहुंचते ही कार्यकर्ता उनसे मिलने पहुंच गये। इस दौरान राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से उन्होंने बातचीत की। 


पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बताया कि अभी वो एनडीए में हैं अलग नहीं हुए हैं। हमलोगों के साथ भारी अन्याय हुआ है। हमारे नेता पशुपति पारस का फैसला हिमालय की तरह अडिग है। वो किसी भी हाल में हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे और भारी मतों से चुनाव भी जीतेंगे। दो तीन दिन में पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में जो फैसला लिया जाएगा उसके तहत आगे की रणनिती तैयार की जाएगी। 


वही राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के चिराग की पार्टी से चुनाव लड़ने की चर्चा पर प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज को चुनाव लड़ना होगा तो राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से ही लड़ेंगे। चिराग पासवान के साथ जाने का दूर-दूर तक सवाल पैदा नहीं होता है। हमारे नेता पशुपति पारस दिल्ली से आज ही पटना आए हैं। बिहार के कार्यकर्ता और नेता उनसे मिलने पहुंचे हैं। अभी पार्टी की कोई आधिकारिक बैठक नहीं बुलाई गयी है लेकिन अगले दो तीन दिनों में पार्टी बड़ी बैठक बुलाएगी। 


इस बैठक में जो फैसला लिया जाएगा उसके तहत आगे की रणनिती तैयार की जाएगी। वही यह भी कहा कि चुनाव के वक्त कई तरह की भ्रामक खबरें चलती है। इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हमारे पार्टी को दरकिनार किया गया है। जिसके बाद हमारे नेता ने अपना इस्तीफा केंद्रीय मंत्री पद से दे दिया है। हमारा सम्मान नहीं हुआ है जिसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश है। 


पार्टी से अनदेखी की गयी है। जबकि एनडीए के सबसे इमानदार एलाइंस हम ही थे। बहुत लोग तो ऐसे थे जो आया राम गया राम जैसे थे लेकिन उसे तब्बजों दी गयी। ऐसे लोगों को पुरस्कृत भी किया गया। इसलिए एक भी पल मंत्रिमंडल में बने रहने का औचित्य नहीं था। हमारे नेता पशुपति पारस ने आज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब आगे की रणनिती तैयार की जा रही है।