दिल्ली में सामने आया मंकीपॉक्स का पहला मामला, देशभर में अबतक मिले 4 केस

दिल्ली में सामने आया मंकीपॉक्स का पहला मामला, देशभर में अबतक मिले 4 केस

DELHI : केरल के बाद देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है। 31 वर्षीय युवक में मंकीपॉक्स का लक्षण पाए जाने के बाद उसे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां जांच के दौरान मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। युवक को तेज बुखार और त्वचा पर घाव होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। संक्रमित शख्स का कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिला है।


इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मामलों की पुष्टि हो चुकी है। तीनों की ट्रैवल हिस्ट्री विदेश की रही है। बीते 14 जुलाई को केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। विदेश से लौटे एक शख्स में मंकीपॉक्स का लक्षण दिखने के बाद उसे केरल के अस्पताल में भर्ती कराय गया था। उसे तेज बुखार और शरीर पर छाले थे। इसके बाद दो और लोगों में मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। दिल्ली में एक केस मिलने के बाद पूरे देश में अबतक मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आ चुके हैं।


बता दें कि  WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की है। मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किये जाने की बात सामने आते ही लोग इसे लेकर अलर्ट हो गये हैं। 65 देश में कुल 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आए है। केरल में तीन मामले सामने आने के बाद दिल्ली में रविवार को पहला मामला सामने आया है। WHO की माने तो शारीरिक संबंध बनाने से यह संक्रमण तेजी से फैलता है। इसे लेकर विशेष सावधानी बरतने की बात कही गयी है।


मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्स वायरस संक्रमण दुर्लभ बीमारी है। जो कि चेचक या चिकनपॉक्स के सामान दिखाई देती है। यह बीमारी सबसे पहले 1958 में बंदरों में दिखाई दी थी। जिसके कारण इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया था। मंकी पॉक्स सबसे पहले 1970 में एक युवक में दिखायी दिया था।


मंकीपॉक्स एक संक्रमित बीमारी है यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फ़ैलता है। डब्लूएचओ ने कहा कि एक से ज्यादा यौन संबंध रखने वाले लोगों में यह खतरा ज्यादा है। इसलिए इसे लेकर सावधानी बरतनी होगी। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है।


यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित पुरुष होते है। बुखार के साथ-साथ संक्रमित को मांसपेशियों में दर्द होता है। जकड़न, ठंड लगना और कमजोरी महसूस हो सकती है।