PATNA: दिल्ली में I.N.D.I.A की बैठक से पहले विपक्षी गठबंधन के बीच नेतृत्व को लेकर घमासान छिड़ गया है। शिवसेना ने मुखपत्र सामना के जरिए कांग्रेस पर कई सवाल उठा दिए हैं और कांग्रेस पर क्षेत्रीय दलों और गठबंधन को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया है। सामना में विपक्ष के नेताओं की तस्वीर के साथ पूछा गया है कि इंडिया के रथ का सारथी कौन है?
दरअसल, शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक आलेख लिखा गया है। आलेख में लिखा गया कि, हिटलर की हार कई देशों की एकता के कारण हुई थी। एकता से ही तानाशाही की हार होती है। कांग्रेस को इस संबंध में पहल करनी होगी। बैठकें होंगी लेकिन प्रश्न कर्म और एकता के वज्र का है। लक्ष्य हिटलर को हराना होना चाहिए! भारत जीतेगा। तीन राज्यों के नतीजे बीजेपी का अमरपट्टा नहीं हैं। मोदी-शाह अजेय नहीं हैं. सिर्फ 'भारत' का मोर्चा ही है अभेद्य।
आगे लिखा- वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने सार्वजनिक रूप से दिया सलाह दिया है कि कांग्रेस को गठबंधन का महत्व सीखना चाहिए। अंबेडकर की बातें ग़लत नहीं हैं लेकिन सभी को 'युति' और 'अघाड़ी' का महत्व समझना चाहिए। इसमें अम्बेडकर भी हैं। 2024 की लड़ाई मोदी-शाह की 'नई' बीजेपी से है। ईवीएम के साथ-साथ अकूत पैसा और केंद्रीय जांच एजेंसियां। इन सब के दम पर मोदी बोर्ड ने 'अब की बार पिछले पार' का आंकड़ा सेट कर दिया है।
इसी पृष्ठभूमि में आज राजधानी दिल्ली में 'इंडिया' गठबंधन की बैठक हो रही है। यह अच्छा है कि कांग्रेस ने इस बैठक की पहल की लेकिन देखना होगा कि कांग्रेस के योगदान का सम्मान करते हुए कितने दूल्हे और वजंत्री जुटते हैं। ऐसी अफवाह थी कि अरविंद केजरीवाल बैठक में नहीं आएंगे, यह सच नहीं है। उनके बिना दिल्ली और पंजाब का संकट कैसे सुलझेगा?
हरियाणा जैसे राज्य में भी 'आप' कांग्रेस के सामने खड़ी है और 2024 को देखते हुए इसे तोड़ना जरूरी है। बीजेपी केजरीवाल की पार्टी पर हमलावर है। उनके प्रमुख नेता जेल में हैं और आप अकेले लड़ाई लड़ रही है। ऐसे समय में बड़े भाई के तौर पर कांग्रेस को आगे आकर एकता का जज्बा दिखाना चाहिए। दिल्ली में सिर्फ इकट्ठा होना, दोपहर का भोजन करना और सबके हाथ पोंछकर घर चले जाने की व्यवस्था में अब सुधार होना चाहिए। पांच राज्यों के विधानसभा नतीजे आ गए हैं।
हालांकि 'भारत' गठबंधन के परिणाम उत्साहवर्धक नहीं रहे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिससे भारतीय जनता पार्टी अपना आपा खो दे। कांग्रेस को 40 प्रतिशत वोट मिले, हालांकि वह मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ हार गई। राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में थी। राहुल गांधी ने विश्वास जताया कि मध्य प्रदेश में बदलाव की बयार चल रही है और कांग्रेस के लिए माहौल अच्छा है। 'भारत जोड़ो' यात्रा की शुरुआत मध्य प्रदेश से हुई लेकिन कांग्रेस की सबसे बड़ी हार मध्य प्रदेश में हुई। भरवाशा की भैंस को 'धोखा' दिया गया। ये तीनों राज्य 'इंडिया' ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने हारे हैं।