PATNA : बिहार में कोरोना की दूसरी लहर अभी थामनी शुरू ही हुई थी कि पहले ब्लैक फंगस और अब एक नयी आफत ने लोगों का जीना मुशील कर दिया है. कोरोना से ठीक होने वाले मरीज अब एक नयी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसका नाम गैंग्रीन है. यह बीमारी ज़्यादातर पैर, हाथ, पैर के अंगूठे, पैर की अंगुलियों और बांह में होती है. इसमें शारीर के इन हिस्सों में चमड़े का रंग बदल जाता है.
गैंग्रीन में चमड़ों में कालापन आ जाता है. इस बीमारी में खून का थक्का बन जाता है, जिससे जहां यह बीमारी होती है, उस हिस्से में खून की सप्लाई बंद हो जाती है. वहां का टिशु डेड हो जाता है. हाई ब्लड शुगर लेवल वाले और जिनकी इम्युनिटी कम है, उन्हें यह बीमारी होने की आशंका अधिक रहती है. फिलहाल एम्स में एक पू्र्व सीएम के परिजन समेत आधा दर्जन लोगों का इस बीमारी का इलाज चल रहा है. इनमें चार लाेगाें का ऑपरेशन हाे चुका है. राहत की बात यह है कि ऐसे मरीजाें की संख्या ज्यादा नहीं है. फिलहाल आईजीआईएमएस में इस राेग का एक भी मरीज नहीं आया है.
राेग के प्रमुख लक्षण
- चमड़े का रंग बदल जाता है.
- चमड़े का रंग काला, पर्पल, नीला या लाल में से काेई एक हाे जाता है.
- चमड़ा पतला हाे जाता है.
- छूने पर वहां का चमड़ा ठंडा लगता है.
- हल्का बुखार आता है. तबीयत सुस्त लगती है.
- सांस लेने में परेशानी होती है.
- हार्ट बीट बढ़ जाता है.
- जहां यह राेग हाेता है, वहां दर्द हाेता है.
- सूजन हाे जाता है.
- चमड़े से बाल खत्म हाे जाता है.
ऐसे हाेता है इसका इलाज
- जिस हिस्से में गैंग्रीन हाेता है, उस हिस्से काे ऑपरेशन कर निकाल दिया जाता है.
- कई तरह के एंटीबाॅयाेटिक चलते हैं.
- ऑक्सीजन थेरेपी हाेती है, ताकि ब्लड काे ऑक्सीजन मिल सके.