PATNA : बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 64 तक जा पहुंची है। खासकर सीवान और बेगूसराय कोरोना के हॉटस्पॉट बने हुए हैं।इस महामारी से निपटने के लिए देश भर में लॉकडाउन कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है ताकि देश से कोरोना को भगाया जा सके। इस बीच जेलों के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग की कवायद की जा रही है। पटना के बेउर जेल से 105 कैदियों को राज्य के दूसरे जेलों में शिफ्ट किया गया है।
पटना स्थित बेउर सेन्ट्रल जेल में क्षमता से ज्यादा कैदियों को रखा गया है। 275 कैदियों की क्षमता वाले इस जेल में फिलहाल 750 से अधिक कैदी बंद हैं। ऐसे में जेल के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग बनाने में जेल प्रशासन के पसीने छूट रहे थे। लेकिन अब जेल के 105 कैदियों को आज दूसरे जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है। इनमें से 80 कैदी को पटना के फुलवारीशरीफ स्थित जिला जेल भेजा गया है जबकि बाकी 25 कैदियों को भागलपुर जेल में शिफ्ट किया गया है। जेल प्रशासन के मुताबिक कुल तीन सौ कैदियों को यहां से इन्हीं दोनों जेलों में शिफ्ट किया जाना है।
बेउर जेल सुप्रीटेंडेंट जवाहर लाल प्रभाकर ने बताया कि यहां से कैदियों को भेजने से पहले उनकी कोरोना से संबंधित हेल्ल्थ स्क्रीनिंग कराई गई है। सभी कैदी स्वस्थ्य पाये गये। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर इन कैदियों को फुलवारीशरीफ और भागलपुर जेल में शिफ्ट कराया गया। उन्होनें बताया कि 300 कैदियों को शिफ्ट किए जाने के बाद जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सही तरीके से किया जा सकेगा।
बता दें कि देश की भीड़-भाड़ वाली जेलों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन कैदियों को किसी मामले में सात साल या उससे कम की सजा दी गई है और वे जेल में बंद हैं। ऐसे में उन्हें पैरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है।सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ये सुनिश्चित करना सबका कर्तव्य है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जेलों में स्वास्थ्य सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएं। कोर्ट ने कहा है कि कोरोना वायरस के फैलने को जहां तक नियंत्रित रखा जा सकता है, उसके लिए सभी मुमकिन उपाय किए जाने चाहिए।