कोरोना संकट पर सीएम नीतीश का बढ़ा टेंशन, लगातार साढ़े 5 घंटा करते रहे मीटिंग, बोले- लॉकडाउन ही सुरक्षित रखेगा

कोरोना संकट पर सीएम नीतीश का बढ़ा टेंशन, लगातार साढ़े 5 घंटा करते रहे मीटिंग, बोले- लॉकडाउन ही सुरक्षित रखेगा

PATNA : वैश्विक कोरोना संकट पर बिहार की चिंता भी बढ़ती हुई नजर आ रही है. बिहार में हालत काफी तेजी से बदलते हुए नजर आ रहे हैं. कोरोना संकट को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी टेंशन बढ़ गया है. सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में वह साढ़े 5 घंटा तक लगातार बैठे रहें. उन्होंने अपने अधिकारियों को इस संकट की घड़ी से निकलने के लिए कई बड़े निर्देश दिए.


कोरोना संकट की महामारी को लेकर 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में सीएम लगातार साढ़े 5 घंटा तक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते रहें. इस बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन को सख्ती से लागू करे के लिए विशेष तौर पर चर्चा हुई. इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा से छात्रों को वापस लाने की मांग पर कहा कि ऐसे तो लॉक डाउन का मजाक उड़ जायेगा.


इस बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव, सचिव, कमिश्नर, आईजी और डीआईजी शामिल हुए. इसके साथ ही डीएम और एसपी भी इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल हुए. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि सभी अधिकारी इस स्थिति की नियमित समीक्षा कर रहे हैं. मेरी भी हर रोज मुख्य सचिव के साथ बातचीत होती है. कई विभागों के साथ मैंने भी चर्चा की है. कोविड-19 के बचाव को लिए देश भर में लॉक डाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. सभी को गंभीरता से इसका पालन करना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक है. इससे हम सब सुरक्षित रह सकेंगे.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जारी लॉकडाउन में किसानों को राहत देने के उद्देश्य से अधिकारियों को प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) के माध्यम से गेहूं की खरीद में तेजी लाने का आज निर्देश दिया. उन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक में कहा कि गेंहूं की कटनी हो रही है. गेहूं की अधिप्राप्ति बहुत जरूरी है। पैक्स के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति का काम तेजी से किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाय कि किसानों को कोई परेशानी न हो.


सीएम नीतीश ने साफ़ तौर पर इस बैठक में कहा कि कोटा मामले में कुछ लोग नहीं माने और अपने कोटा से आ गए. उन्हें बॉर्डर पर रखा गया. वहां उनका टेस्ट करा कर उनको घर भेजने की व्यवस्था की गई. अब कोई कहे कि कोटा में जो लोग फंसे हैं. उनको फिर से बुलवा लिया जाये. इसके साथ ही देश के कोने-कोने में भी जो फंसे हुए हैं, उनकी मांग अगर सभी राज्य मानने लगे तो लॉक डाउन का मजाक उड़ जायेगा. हमलोगों का कमिटमेंट तो पूरे तौर पर है.


सीएम ने इस बैठक में कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग ही हमें बचा सकता है. सबको लॉक डाउन का पालन सुनिश्चित कराना है. इसका पालन लोग नहींकरेंगे तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और फेक न्यूज़ के माध्यम से जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं, उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाये. इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाये. जिले में एक पदाधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन के नियमों का पालन कराने के अभियान चलकर लोगों को प्रेरित करें.