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1st Bihar Published by: Updated Fri, 27 Mar 2020 09:56:48 PM IST
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PATNA : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है. देश में तेजी के साथ कोरोना अपने पांव फैला रहा है. ऐसे में कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए नीतीश सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए रुपए का खजाना खोल डाला है. सरकार की कई योजनाओं के तहत लोगों तक तुरंत फौरी राहत पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. राहत पैकेज के तौर पर नीतीश सरकार में 100 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी है, लेकिन बिहार में सबसे बुरा हाल नियोजित शिक्षकों, वित्त रहित शिक्षकों, मदरसा और संस्कृत के शिक्षकों का है.
कोरोना वायरस के फैलने के पहले ही नियोजित शिक्षक बिहार में हड़ताल पर जा चुके थे. नीतीश सरकार के साथ उनकी ठनी हुई है, लेकिन एक तरफ जहां नीतीश सरकार सबों की चिंता करते हुए आर्थिक मदद दे रही है, तो वहीं शिक्षकों पर उसका दिल नहीं पसीजा है. इस मुद्दे को लेकर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है.
सीएम नीतीश को लिखे अपने पत्र में मदन मोहन झा ने यह मांग की है कि देश में लॉक डाउन के बाद अन्य लोगों के साथ-साथ शिक्षक भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. उनका जीवन और परिवार प्रभावित हो रहा है. राज्य के नागरिक होने के कारण उनको देखना भी सरकार का ही दायित्व है. मदन मोहन झा ने कहा है कि मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं कि वित्त रहित शिक्षकों, नियोजित शिक्षकों, मदरसा और संस्कृत के शिक्षकों को मासिक वेतन या अनुदान की राशि पिछले कई महीनों से लंबित है. शिक्षक जमात भुखमरी के कगार पर है. ऐसे में सरकार को इस पर उचित फैसला लेना चाहिए. मदन मोहन झा ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह इस मामले पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शिक्षकों को बकाया वेतन और अनुदान दिलाएं.