PATNA : कोरोना वायरस के कहर से निपटने के लिए नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के सामने जो रोना रो रहे थे, आज उनके ही स्वास्थ्य मंत्री ने उसकी पोल खोल दी. नीतीश प्रधानमंत्री को त्राहिमाम संदेश देकर इलाज के इक्वीपमेंट की मांग कर रहे थे. आज बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इक्वीपमेंट इतना ज्यादा मौजूद है कि उसका उपयोग नहीं हो रहा है.
तीन दिन पहले नीतीश ने की थी शिकायत
तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी. इसी दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार दवा से लेकर कोरोना के इलाज के लिए जरूरी इक्वीपमेंट के लिए बुरी तरह परेशान है. बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा “हमने पांच लाख पी.पी.ई. किट मांगे लेकिन केंद्र ने सिर्फ 4 हजार मिले. बिहार ने 10 लाख एन-95 मास्क मांगा लेकिन सिर्फ 50 हजार मिले. 10 लाख सी प्लाई मास्क की मांग की गयी लेकिन सिर्फ 1 लाख मिले. 10 हजार आर.एन.ए एक्सट्रैक्शन किट की मांग की गयी है, जिसमें से सिर्फ 250 मिल पाया.”
नीतीश कुमार के इस आंकड़े के बाद काफी सियासी बखेड़ा हुआ. RJD नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि वे शुरू से कहते आ रहे थे कि केंद्र सरकार बिहार को जरूरी सामान नहीं दे रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री ने आखिरकार उनकी बात मान कर प्रधानमंत्री के सामने बात रखी.
कल प्रधान सचिव ने भी की थी शिकायत
कल बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी मीडिया से बात करते हुए संसाधनों की कमी का रोना रोया था. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार से उन्हें जरूरी सामान नहीं मिल पा रहे हैं.
आज मंगल पांडेय ने मुख्यमंत्री की पोल खोली
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ताबड़तोड़ ट्वीट किये. उन्होंने बिहार में कोरोना से बचाव और इलाज के लिए उपलब्ध सामानों की पूरी सूची जारी करते हुए कहा कि सामान इतना है कि उसका उपयोग नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर कहा है.
“ बिहार में मार्च के अंतिम सप्ताह से अभी तक कुल 40 हजार 958 पीपीइ किट आए हैं. वर्तमान में 30 हजार 463 किट स्टॉक में उपलब्ध हैं. थ्री प्लाय मास्क तीन लाख आए, जिसमें से एक लाख 70 हजार अभी भी उपलब्ध हैं. बिहार में एन-95 मास्क 81 हजार 800 आए, जिसमें 58 हजार 600 अभी भी उपलब्ध है. हैंड सेनिटाइजर 40 हजार 254 एवं भीटीएम 8 हजार 500 आए, जिसमें 3595 अभी भी उपलब्ध हैं.”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना के इलाज के लिए दवा की कमी का भी रोना रोया था. लेकिन मंगल पांडेय ने आज ट्वीट कर कहा- “कोरोना की जांच से लेकर उपचार तक किसी भी प्रकार के उपकरण या दवा की सूबे में कोई कमी नहीं है. पीएमसीएच में भी आज से कोरोना के सैंपल जांच की सुविधा शुरू हो गई है. कोरोना बीमारी से संबंधित आवश्यक सामग्रियों की अधिप्राप्ति नियमित हो रही है और आवश्यक मात्रा में आपूर्ति भी की जा रही है.”
जाहिर है बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ साथ अपने विभाग के प्रधान सचिव को गलत करार दिया है. कोरोना जैसी भीषण महामारी के समय भी बिहार सरकार का ये खेल समझ से परे है. पहले ही कोरोना से निपटने में बिहार सरकार की कोशिशों पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं. इस प्रकरण के बाद सरकार की फजीहत होनी तय है.