चीन के वुहान की तर्ज पर पटना में अस्पताल बनवायेगी नीतीश सरकार, NMCH में सिर्फ कोरोना पेशेंट का इलाज

चीन के वुहान की तर्ज पर पटना में अस्पताल बनवायेगी नीतीश सरकार, NMCH में सिर्फ कोरोना पेशेंट का इलाज

PATNA : कोरोना वायरस के खतरे से निपटने की कवायद में लगी नीतीश सरकार ने चीन के वुहान की तर्ज पर पटना में अस्पताल बनवाने का फैसला लिया है. चीन के वुहान में सिर्फ कोरोना से निपटने के लिए अस्पताल बनाये गये थे, बिहार सरकार ने ऐसा ही अस्पताल पटना में बनाने का एलान किया है. पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना स्पेशल अस्पताल में तब्दील कर दिया जायेगा, जहां सिर्फ कोरोना से संबंधित मरीजों का ही इलाज होगा.


बिहार में चौथे मरीज की पहचान के बाद फैसला 

दरअसल बिहार में कोरोना के मरीजों के बढ़ते मामलों के बाद सतर्क हुई सरकार ने ये फैसला लिया है. मंगलवार को सूबे में कोरोना का चौथा मरीज सामने आया. इससे पहले तीन मरीजों की पहचान हो चुकी थी, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है. सरकार ये मान रही है कि लॉक डाउन के आदेशों के बावजूद सूबे में कोरोना का खतरा बढ़ सकता है. उससे निपटने के लिए चीन जैसी तैयारी जरूरी है. 

सरकार की हाईलेवल मीटिंग में फैसला

कोरोना वायरस के मामलों की हर रोज मॉनिटरिंग कर रही राज्य सरकार ने कल भी उच्च स्तरीय बैठक की. मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में पटना के NMCH को कोरोना स्पेशल अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया. सरकारी सूत्रों के मुताबिक पटना के एनएमसीएच को चीन के वुहान शहर में विकसित किए गए अस्पताल के तरह विकसित किया जाएगा. गौरतलब है कि चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस ने पैर पसारे थे. वहां प्रशासन ने एक अस्पताल को कोरोना के लिए डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में विकसित कर दिया था, जिसमें कोरोना के सभी संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया था. 

 NMCH से शिफ्ट कर दिये जायेंगे दूसरे मरीज

सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहले से से भर्ती दूसरे मरीजों को पटना मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल PMCH में शिफ्ट कर दिया जायेगा. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना स्पेशल अस्पताल के तौर पर ही विकसित किया जायेगा. सरकार यहां कोरोना के इलाज से संबंधित सारे संसाधन उपलब्ध करायेगी.


बिहार में अब तक 909 लोग निगरानी में

बिहार में अब तक कोरोना पॉजिटिव 4 मरीजों की पहचान हो चुकी है. मुंगेर के एक युवक ने कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बाद पटना के एम्स में दम तोड़ दिया था. मौत के बाद ये पुष्टि हुई की युवक कोरोना वायरस से पीड़ित था. सरकार फिलहाल सूबे के 909 लोगों पर निगरानी रख रही है, जिन्हें कोरोना का संदिग्ध मरीज माना जा रहा है. इनमें से ज्यादातर वैसे लोग हैं जो विदेश से वापस लौटे हैं. बिहार में कोरोना के सबसे ज्यादा संदिग्ध मरीज गोपालगंज जिले के हैं. गोपालगंज के 172 लोगों को कोरोना का संदिग्ध मरीज माना जा रहा है. हालांकि उनमें से कई को 14 दिनों के होम आइसोलेशन के बाद छोड़ा भी जा चुका है. पटना में 100 लोगों को कोरोना का संदिग्ध मरीज माना जा रहा है.