PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले तीन दिनों से लगातार बैठक कर बिहार वापस लौट रहे लोगों को सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखने की समीक्षा कर रहे थे. नीतीश कुमार वापस लौटने वाले बिहारियों को बढ़िया भोजन, आवास और मेडिकल सुविधा देने के दावे कर रहे थे. लेकिन उनकी सरकार ने अचानक से यू टर्न मार लिया है. सरकार ने बिहार वापस लौटने वाले बिहारियों को सरकारी सेंटरों के बजाय अपने घर में क्वारंटीन रहने का फरमान जारी कर दिया है.
सरकार ने जारी किया नया फरमान
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आज नया फरमान जारी किया. बिहार लौटने वाले लोग अब अपने घरों में भी रह सकते हैं. उन्हें सेल्फ क्वारंटीन के गाइडलाइन का पालन करना होगा. स्वास्थ्य विभाग के फरमान के मुताबिक लोग सेल्फ और होम क्वारंटीन का घोषणा पत्र भरने के बाद अपने घर में रह सकेंगे. इसके लिए बकायदा शपथ पत्र बनाकर जारी कर दिया गया है.
सरकार ने क्यों बदला नियम
कल ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक की थी. नीतीश ने कहा था कि सभी प्रखंड और पंचायत में क्वारंटीन सेंटरों में बेहतरीन व्यवस्था होनी चाहिये. इससे पहले राज्य सरकार ने कहा था कि बिहार वापस लौटने वाले को हर हाल में सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रहना होगा.
सरकारी सूत्र बता रहे हैं कि सत्ता में बैठे लोगों को अंदाजा हो गया है कि बिहार वापस लौटने वाले सभी लोगों को क्वारंटीन सेंटर पर रखने और वहां उनके लिए व्यवस्था करना संभव नहीं है. हां, इससे सरकार की फजीहत होना जरूर तय हो गया था. लिहाजा व्यवस्था बदल दी गयी है. अब लोगों को अपने घर में रहने की छूट दे दी गयी है. जाहिर तौर पर थोड़ा भी सक्षम व्यक्ति सरकारी सेंटर पर रहने के बजाय अपने घर में रहना ज्यादा पसंद करेगा. ऐसे में सरकार पर से बोझ बेहद कम हो जायेगा.