CM नीतीश कुमार के सुशासन पर RJD ने उठाए सवाल, उठक-बैठक करवाने वाले अधिकारी के प्रमोशन पर सरकार को घेरा

CM नीतीश कुमार के सुशासन पर RJD ने उठाए सवाल, उठक-बैठक करवाने वाले अधिकारी के प्रमोशन पर सरकार को घेरा

PATNA : बिहार के अररिया में लॉकडाउन के दौरान पास दिखाने की मांग करने पर होमगार्ड जवान को उठक-बैठक करवाने वाले कृषि पदाधिकारी को नीतीश सरकार ने दंडित करने के बजाए उपकृत कर दिया है। आरोपी अधिकारी मनोज कुमार को सरकार ने जिला कृषि पदाधिकारी से हटाकर कृषि विभाग में उप निदेशक बना दिया है। अब इस पर बिहार में सियासत गरमाने लगी है। आरजेडी ने इस मसले पर बिहार सरकार को घेरा है और सुशासन पर सवाल खड़े किए हैं। 


आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि वैसे अधिकारियों को जिन्हें सजा दी जानी चाहिए थी वैसे लोगों को प्रमोशन दिया जा रहा है। उन्होनें कहा कि यहीं नीतीश सरकार का सुशासन है। जिसमें सरेआम लॉकडाउन तोड़ने से रोकने वाले होमगार्ड जवान को उठक-बैठक करवाया जाता है लेकिन सरकार कार्रवाई करने के बजाए उन्हें प्रमोशन दे देती है। उन्होनें कहा कि नीतीश सरकार ने एक बेलगाम अधिकारी के सामने घुटने टेक दिए हैं। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग के बीच गलत संदेश जा रहा है। पुलिस विभाग ने तो वहां मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई कर दी लेकिन कृषि अधिकारी महोदय पर कार्रवाई के बजाए उनका प्रमोशन कर दिया गया है। यहीं नीतीश कुमार के सुशासन की सरकार है जहां दोषी को दंडित करने के बजाए उपकृत किया जाता है।


बता दें कि शनिवार की देर शाम नीतीश सरकार ने अधिसूचना निकाली जिसमें गंभीर आरोपों में घिरे अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को पुरस्कृत कर दिया गया। मनोज कुमार को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी पद से हटाकर कृषि विभाग में उप निदेशक बना गया है।  सरकार ने किशनगंज के जिला कृषि पदाधिकारी संतलाल प्रसाद साह को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी का चार्ज दे दिया है।


दरअसल कुछ दिन पहले अररिया की तस्वीरें पूरे देश में वायरल हो गयी थीं। अररिया में अपनी चार पहिये गाड़ी से जा रहे कृषि पदाधिकारी को सड़क पर तैनात पुलिस के जवानों से रोका था। इसके बाद सत्ता मद में बौराये कृषि पदाधिकारी ने सार्वजनिक तौर पर गाड़ी रोकने वाले चौकीदार से कान पकड़ कर उठक बैठक करवायी थी। इस वाकये का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया था। एक्शन में आने का दावा कर रहे बिहार डीजीपी ने चौकीदार से बात कर न्याय का भरोसा दिलाया था। वहां मौजूद पुलिस पदाधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया था। लेकिन बिहार के डीजीपी सारे मामले के मुख्य आरोपी कृषि पदाधिकारी का कुछ नहीं बिगाड़ पाए।