PATNA : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जल संसाधन विभाग को पत्र लिखा कि हमारे संसदीय क्षेत्र मुंगेर के मोकामा के औंटा, हथिदह, मराची, डुमरा का टाल क्षेत्र, अन्य टाल क्षेत्रों से नीचा है। इस कारण इन टाल क्षेत्रों का पानी हरोहर नदी के माध्यम से नहीं निकल पा रहा है। इसी वजह से तीन वर्षों से इन टाल क्षेत्रों में फसल बुआई नहीं हो पा रही है। इस क्षेत्र की समस्या के निदान को लेकर शीघ्र कार्रवाई की जाए। इसके बाद अब मुंगेर सांसद के इस लेटर को लेकर भी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। बिहार की विपक्षी पार्टी के तरफ से अब यह सवाल किया जाना शुरू हो गया है कि- चुनाव से समय ही ललन सिंह को इसकी याद क्यों आई ?
दरअसल, मुंगेर लोकसभा के सांसद ललन सिंह चुनाव से पहले लगातार अपने संसदीय इलाकों का दौरा कर रहे है। इस दौरान वो अलग - अलग जगहों पर जाकर जनता से संवाद भी कर रहे हैं और उनकी समस्या को जानने की भी कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुंगेर सांसद पिछले दिनों मोकामा ब्लॉक के कुछ गांव और नगरपालिका का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें इस इलाके की मूलभूत समस्या टाल में पानी की कमी की शिकायत मिली। जिसके बाद इसको लेकर उन्होंने राज्य सरकार के मंत्री को लेटर लिख कर उसके निवारण की बात कही।
वहीं, मुंगेर सांसद की इस मांग को लेकर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गहरा तंज कसा है। सम्राट ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि - मेरे बड़े भाई व पूर्व जल संसाधन मंत्री सह मुंगेर के सांसद ललन सिंह जी, जिन्हें अपने कार्यकाल के साढ़े 4 साल तक यह पता नहीं चला की उनके क्षेत्र के किसानों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच रहा है।
मालूम हो कि, ललन सिंह पिछले चार साल से मुंगेर लोकसभा से सांसद है और इस दौरान उनके द्वारा अपने संसदीय इलाकों में कई तरह के काम करवाने का दावा किया जाता रहा है। हालांकि, इसको लेकर जब वहां की जनता से संपर्क किया जाता है तो उनका कहना होता है कि सांसद महोदय का जनता को एक झलक भी मिल जाए तो बड़ी बात है। सांसद महोदय के पास कोई काम लेकर भी जाता है उसके लिए कई तरह की बात की जाति है। लोगों का आरोप है की पिछले चार साल में इनके तरफ से अगर कहीं काम करवाया भी गया है तो वो जगह इनके बहुत करीबी का है जहां से इन्हें हर तरीके का फायदा हो।
बहरहाल, अब देखना यह है कि मुंगेर सांसद ने जो लेटर लिख कर राज्य सरकार से मांग की है वो कब तक पूरा हो जाता है और विपक्ष का जो आरोप हैकि क्या जब चुनाव का समय आएगा तभी इस इलाके के सांसद एक्टिव नजर आएंगे। इस बात में कितनी सच बातें हैं। अब इन तमाम सवालों का जवाब जनता अगले साल होने वाले लोकसभा के जरिए ही देगी।