चुनाव के समय में भी विपक्ष में नहीं दिख रहा एकता, बोले चिराग पासवान - पहले तेजस्वी और राहुल बताएं अलग -अलग घोषणा पत्र जारी करने की क्यों पड़ी जरूरत

चुनाव के समय में भी विपक्ष में नहीं दिख रहा एकता, बोले चिराग पासवान - पहले तेजस्वी और राहुल बताएं अलग -अलग  घोषणा पत्र जारी करने की क्यों पड़ी जरूरत

PATNA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली स्थित पार्टी दफ्तर में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का मेनिफेस्टो जारी किया। इसे 'भाजपा का संकल्प-मोदी की गारंटी' नाम दिया गया है। संकल्प पत्र की पहली कॉपी गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ से आए तीन लोगों को दिया गया। ये वो लोग थें, जिन्हें मोदी सरकार की पिछली किसी न किसी योजना का फायदा मिला। वहीं, विपक्ष इस घोषणा पत्र को कोरा कागज़ बता रही है। जिसके बाद अब एनडीए में सहयोगी दल लोजपा (रामविलास ) के हेड चिराग पासवान ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि - पहले राजद और कांग्रेस यह बताएं कि उनको अलग -अलग घोषणा पत्र जारी करने की जरूरत क्यों पड़ा ? 


भाजपा के संकल्प पत्र पर विपक्ष के विरोध का जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि, भैया पहले वह यह तय कर लें कि उनके यहां प्रधानमंत्री कौन होगा? उनके पास कितने राष्ट्रीय स्तर के पार्टी हैं यह भी बताना चाहिए। इन लोगों के पास देश भर में कितने विधायक हैं और कितने सांसद हैं इनकी जानकारी भी देनी चाहिए। यह लोग अलग-अलग घोषणा पत्र जारी कर रहे हैं तो जब इनमें खुद एकता नहीं है तो फिर आगे क्या उम्मीद की जा सकती है?


इसके अलावा चिराग पासवान ने कहा कि मोदी की गारंटी से लोगों की उम्मीद बढ़ी है ऐसे में यह जो संकल्प पत्र जारी किया गया है इसको आने वाले 5 साल में पूरा किया जाएगा। यह काफी सही और उचित है। भाजपा के घोषणा पत्र में विकसित भारत की तस्वीर दिखाई गई है।इसमें युवा,महिला और बुजुर्ग वर्ग का भी ख्याल रखा गया है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का होना मोदी की गारंटी को पूरा करने की गारंटी है। यह वही प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने राज्य के अंदर जितने विवादित और ज्वलंत मुद्दे थे उसको खत्म करने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वजह से ही धारा 370 समाप्त हुई क्या किसी अन्य सरकार में हिम्मत थी कि इस वह समाप्त कर सके। क्या किसी सरकार ने यह इच्छा शक्ति थी कि वह राम मंदिर का निर्माण करवा सके ? क्या किसी अन्य सरकार में क्या इच्छा शक्ति थी कि नारी शक्ति अधिनियम को वह लागू कर सके? ऐसे में जब इन तमाम कार्यों को किया गया जहां महिलाओं के सम्मान में शौचालय का निर्माण करवाया गया। कोई गरीब परिवार स्वास्थ्य लाभ से वंचित न रह जाए इसको लेकर आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई।