PATNA : भोजपूरी सुपरस्टार और भाजपा सांसद मनोज तिवारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब एक अतिपिछड़ा जाति को लेकर की गई टिप्पणी पर दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र से निवर्तमान सांसद और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी मनोज कुमार तिवारी के विरुद्ध पटना के सीजेएम कोर्ट में दायर परिवाद को स्वीकृत कर लिया गया। इसके साथ ही उक्त परिवाद सुनवाई के लिए एमपी/एमएलए की विशेष अदालत में ट्रांसफर किया गया।
वहीं, अधिवक्ता अशोक कुमार ने परिवाद दायर किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि मनोज कुमार तिवारी ने प्रतिद्वंद्वी सह कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार के नामांकन को लेकर एक जाति पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। सीजेएम की अदालत में आवेदक की ओर से अधिवक्ता राम संदेश राय और मणिलाल ने दलील ली। इसके साथ अधिवक्ताओं ने कहा कि मनोज कुमार तिवारी एक जिम्मेदार और संवैधानिक पद पर हैं। उनके द्वारा ऐसी टिप्पणी करना सभ्य एवं लोकतांत्रिक देश व समाज को स्वीकार्य नहीं है। उनका वक्तव्य संविधान विरोधी है। उनके विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए।
दरअसल, सोशल मीडिया पर मनोज तिवारी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो गया। इसमें वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने खिलाफ चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए यूट्यूबर मनीष कश्यप भी उनके साथ मौजूद रहे। इस वीडियो में मनोज तिवारी द्वारा कहार जाति को लेकर दिए गए बयान पर सियासी घमासान मच गया। बिहार ही नहीं झारखंड समेत अन्य जगहों पर भी चंद्रवंशी समाज के लोगों ने मनोज तिवारी के बयान पर आपत्ति जताई है।
आपको बताते चलें कि, राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए होने वाले मतदान में अब दो हफ़्तों से भी कम का समय शेष बचा है। छठे चरण में 25 मई को होने वाले मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी इंडिया गठबंधन, दोनों ही जोर-शोर और पूरे दम-खम से अपने चुनाव प्रचार में लगी हुई है। पिछली दफा मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी के दलीप पांडे को 25 प्रतिशत मतों के अंतर से पराजित किया था। इस लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें अधिकतर आबादी पूर्वी यूपी व बिहार से है।