चुनाव के लिए कुख्यात अशोक महतो ने शादी की: 62 साल की उम्र में ब्याह रचाया, पत्नी को राजद के टिकट पर मुंगेर से लड़वाना है

चुनाव के लिए कुख्यात अशोक महतो ने शादी की: 62 साल की उम्र में ब्याह रचाया, पत्नी को राजद के टिकट पर मुंगेर से लड़वाना है

MUNGER : बिहार के सबसे दुर्दांत अपराधियों में से एक अशोक महतो ने 62 साल की उम्र में ब्याह रचाया है. चर्चा ये है कि तीन दिन पहले लालू प्रसाद यादव ने अशोक महतो को बुलाकर कहा था कि मुंगेर से चुनाव लड़ने की तैयारी करो. लेकिन दर्जनों बेहद संगीन मामलों का अभियुक्त अशोक महतो खुद चुनाव नहीं लड़ सकता था. लिहाजा आनन फानन में लड़की की तलाश की. जैसे ही लड़की तैयार हुई, बिना लग्न और मुहुर्त देखे खरमास में ही अशोक महतो ने ब्याह रचा लिया है. अब अशोक महतो की पत्नी को मुंगेर से राजद की ओर से लोकसभा चुनाव का टिकट मिलेगा.


बता दें कि ये वही अशोक महतो है जिस पर वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर बनी थी. कई नरसंहार के अभियुक्त अशोक महतो को बड़ी मशक्कत  के  बाद तत्कालीन एसपी अमित  लोढ़ा ने पकड़ा था. वह 17 साल जेल में रहने के बाद रिहा हुआ है. करीब तीन महीने पहले 10 दिसंबर 2023 को वह जेल से छूटा है. उसे राजद प्रमुख लालू .यादव ने बुलाकर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था. आनन फानन में शादी कर पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी की गयी है. 

46 साल की लड़की से शादी की

लालू यादव की ओऱ से टिकट का ऑफर मिलने के बाद अशोक महतो तीन दिनों से ताबड़तोड़ लड़की तलाश रहा था. लेकिन लड़की मिल नहीं रही थी. अब उसकी शादी की तस्वीर सामने आयी है. पता चला कि मंगलवार की देर रात अशोक महतो ने शादी कर ली है. अशोक महतो के करीबियों ने बताया कि लड़की लखीसराय की है और बख्तियारपुर करौटा में शादी हुई है. 

दिल्ली में नौकरी करती है लड़की

अशोक महतो ने 46 साल की अनिता से शादी की है. अनीता मूल रूप से लखीसराय के सूर्यगढा प्रखंड के बंशीपुर हेमजापुर की रहने वाली है. उसके पिता हरि मेहता पीडब्लूडी में इंजीनियर थे. लेकिन बाद में पूरा परिवार दिल्ली में जाकर बस गया था. अनिता अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रहती है और एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है. अनीता समसबार कुर्मी समाज से है. अशोक महतो धानुक जाति से आता है.

दरअसल मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में धानुक जाति के वोटरों की अच्छी खासी तादाद है. वहां से जेडीयू के टिकट पर ललन सिंह चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ललन सिंह को टक्कर देने के लिए कुख्यात अशोक महतो को चुना गया है. राजद को यकीन है कि धानुक और यादवों की जुगलबंदी से मुंगेर में नया समीकरण बन सकता है. 

खाकी द बिहार चैप्टर का विलेन अशोक महतो

अशोक महतो बिहार के सबसे कुख्यात अपराधियों में शुमार रहा है. उस पर ही वेब सीरिज खाकी द बिहार चैप्टर बनी थी. यह वेब सीरीज सुपर हिट हुई थी. कुख्यात अशोक महतो पर कई नरसंहारों को अंजाम देने का आरोप है. इनमें सबसे भयावह है अपसढ़ नरसंहार. 11 मई 2000  की रात नुनुहाल सिंह के पूरे परिवार के 15 लोग छत पर सो रहे थे. परिवार के लोगों की आंख लगी ही थी कि अचानक अशोक महतो 50-60  अपराधियों के साथ पहुंचा और ताबडतोड़ गोलियां बरसाने लगा. अशोक महतो ने 8 मिनट में 300 राउंड से अधिक फायरिंग की. परिवार के जो लोग गोलियों से बच गए उन्हें तलवार से काट दिया गया था. अशोक महतो ने 11 लोगों को मार डाला. मरने वालों में 10 साल के बच्चे से लेकर 50 साल के बुजर्ग तक थे.

नवादा का जेल ब्रेक

अशोक महतो ने 2001 में नवादा के जेल ब्रेक कांड को भी अंजाम दिया था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर जेल के गार्ड और सिपाहियों की हत्या कर दी थी औऱ वहां से भाग निकला था. अशोक महतो और उसके गिरोह पर 2005 में तत्कालीन सांसद राजो सिंह की हत्या का भी आऱोप था. 

शेखपुरा का अरियरी मणिपुर नरसंहार

अशोक महतो गिरोह ने शेखपुरा दिले के अरियरी प्रखंड के मणिपुर गांव में निर्दोष और निहत्थे 7 लोगों की हत्या कर दी थी. मरने वालों में महिलायें भी शामिल थी. 21 मई 2006 को हुए इस नरसंहार को अशोक महतो ने इसलिए अंजाम दिया था कि उसे शक था कि गांव के लोगों ने उसके बारे में पुलिस को जानकारी दी है. अशोक महतो पर 2004 में शेखपुरा के बीडीओ अशोक राज वत्स की हत्या का आरोप है. 

अशोक महतो पर तत्कालीन विधायक रणधीर कुमार पर हमला का भी आरोप है. 22 अगस्त 2012 को तत्कालीन विधायक रणधीर कुमार शेखपुरा से अपने गांव मुरारपुर जा रहे थे. रास्ते में विधायक पर केन बम विस्फोट हमला कर जान लेने का प्रयास किया गया था.  इस मामले में नवादा जेलब्रेक कांड के सजायाफ्ता कुख्यात अशोक महतो सहित अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.

बिहार में पहले भी कुख्यात ने की है शादी

बता दें कि बिहार में अशोक महतो से पहले भी एक कुख्यात ने चुनाव के लिए शादी की थी. सिवान के कुख्यात अजय सिंह ने चुनाव से पहले खरमास में ही शादी कर ली थी अजय सिंह और कविता सिंह की शादी का एक दिलचस्प किस्सा भी है. सितंबर 2011 में जब अजय सिंह की विधायक मां जगमतो देवी की मौत हुई तो अजय सिंह ने बिहार के दरौंधा से चुनाव लड़ना चाहा. जब अजय सिंह ने नीतीश कुमार से इसकी बात की तो उन्होंने अजय सिंह के क्रिमिनल बैकग्राउंड को देखते हुए टिकट देने से मना कर दिया. 


तब नीतीश ने अजय सिंह से कहा था कि अगर वह शादी कर ले तो उसकी पत्नी को टिकट दिया जा सकता है. उसके बाद अजय सिंह ने शादी के लिए इस्तेहार दिया था, जिसमें ये भी बताया कि कैसी पत्नी चाहिए. लड़की का नाम वोटर्स लिस्ट में होना चाहिए, वोटर आइडेंटिटी कार्ड बना होना चाहिए, राजनीतिक परिवार से हो तो बेहतर है. आखिरकार, एक मुखिया की बेटी (कविता) का रिश्ता मेल खा गया और उन्होंने कविता से शादी कर ली. बाद में कविता सिंह विधायक और फिर सांसद बनीं.