PATNA : बिहार के अररिया में लॉकडाउन के दौरान पास दिखाने की मांग करने वाले पुलिसकर्मी को नीतीश सरकार ने उपकृत कर दिया है. आरोपी अधिकारी मनोज कुमार को सरकार ने जिला कृषि पदाधिकारी से हटाकर कृषि विभाग में उप निदेशक बना दिया है. एक बार फिर बेलगाम अधिकारी के सामने पूरी सरकार ने घुटने टेक दिये हैं.
शनिवार की देर शाम सरकार ने निकाली अधिसूचना
शनिवार की देर शाम नीतीश सरकार ने अधिसूचना निकाली. गंभीर आरोपों में घिरे अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को पुरस्कृत कर दिया गया. मनोज कुमार को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी पद से हटाकर कृषि विभाग में उप निदेशक बना गया. सरकार ने किशनगंज के जिला कृषि पदाधिकारी संतलाल प्रसाद साह को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी का चार्ज दे दिया.
मुख्यमंत्री भी बेनकाब हो गये
दरअसल कुछ दिन पहले अररिया की तस्वीरें पूरे देश में वायरल हो गयी थीं. अररिया में अपनी चार पहिये गाड़ी से जा रहे कृषि पदाधिकारी को सड़क पर तैनात पुलिस के जवानों से रोका था. इसके बाद सत्ता मद में बौराये कृषि पदाधिकारी ने सार्वजनिक तौर पर गाड़ी रोकने वाले चौकीदार से कान पकड़ कर उठक बैठक करवायी थी.
इस वाकये का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया था. एक्शन में आने का दावा कर रहे बिहार डीजीपी ने चौकीदार से बात कर न्याय का भरोसा दिलाया था. वहां मौजूद पुलिस पदाधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया था. लेकिन बिहार के डीजीपी सारे मामले के मुख्य आरोपी कृषि पदाधिकारी का कुछ नहीं बिगाड़ पाये.
उधर बिहार सरकार ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और उन्होंन मामले की जांच का निर्देश दिया है. लेकिन कृषि पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री की भी हैसियत बता दी.,सरकारी सूत्र बता रहे हैं कि आरोपी कृषि पदाधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के साथ डायरेक्ट जुड़ा हुआ है. हालांकि इस आरोप की पुष्टि नही हो पायी है.
हम आपको बता दें कि अभी लॉकडाउन की वजह से किसी को भी गाड़ी से निकलने के लिए रोड पास बनवाना होता है. पास नहीं रहने पर जुर्माना देना पड़ता है, चाहे कोई भी हो, सबको ये आदेश मानना है। लेकिन अररिया का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने एक चौकीदार को इसलिए सरेआम बेइज्जत किया जाता है कि उसने पदाधिकारी से रोड पास दिखाने को कहा था.बिहार के डीजीपी ने इस मामले में वहां मौजूद एक एएसआइ को सस्पेंड कर दिया.
वीडियो वायरल होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लिया और पूरे मामले पर अररिया के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी लेकिन सारी कवायद दिखावा साबित हुई. अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी का रसूख इतना बड़ा था कि मुख्यमंत्री के दावों ने दम तोड दिया.