DESK : पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ को लेकर एक बार फिर से विवाद बढ़ गया है. दरअसल, केंद्र सरकार का एक फैसला इस विवाद के पीछे है. हाल ही में फैसला किया गया था कि चंडीगढ़ के कर्मचारियों के लिए सरकार के नियम लागू होंगे. इस फैसले का विरोध शुरू हो गया और इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक नया खेल शुरू कर दिया. चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया है जिसमें कहा गया है कि चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब में शामिल किया जाए.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस मांग के बाद हरियाणा ने भी आंख दिखाना शुरू कर दिया है. हरियाणा बहुत पहले से मांग करते रहा है कि चंडीगढ़ पर उसका दवा हो. ऐसे में केंद्र सरकार के नए फैसले ने विवाद को बढ़ा दिया है. भगवंत मान चंडीगढ़ पर अपना पूरा कंट्रोल चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने विधानसभा से प्रस्ताव पास करके सरकार के पास भेजा है. भगवंत ने कहा है कि चंडीगढ़ पर पहला हक के पंजाब का है.
उधर, हरियाणा सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने पंजाब के मुख्यमंत्री की तरफ से किए गए दावे पर एतराज जताया है, अनिल विज ने कहा है कि ऐसा नहीं हो सकता, मनोहर लाल खट्टर भी कह रहे हैं कि पंजाब हरियाणा की संयुक्त राजधानी के तौर पर ही चंडीगढ़ रहेगा, इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.